अनाश्रित: कर्म फलं कार्यं कर्म करोति य:l स सन्यासी च योगी च न निरग्निर्न चा क्रिया ll भावार्थ-- जो पुरुष कर्म फल की इच्छा का त्याग कर सदैव शुभ कर्म करता रहता है, परोपकार ही जिसके जीवन का ध्येय है, वही सच्चा सन्यासी है। कर्मों का त्याग सन्यास नहीं, अपितु अशुभ कर्मों का त्याग सन्यास है। दुनियाँ का त्याग करना सन्यास नहीं है अपितु दुनियाँ के लिए त्याग करना यह परम सन्यास है। पुरुषोत्म मास(मलमास) की विशेषता:- जिस महीने में सूर्य की संक्रान्ति न हो वह अधिमास अथवा मलमास कहा जाता है। इसका समय 32माह 16 दिन04घड़ी के अन्तराल के बाद आया करता है।इसमें मनोकामना रख कर कोई भी धार्मिक कृत्य नहीं करनी चाहिए।यह महीना भगवान की पूजा आराधना व्रत-कथा श्रवण इत्यादि के लिए आरक्षित होता है।पुराणों के अनुसार अधिमास में व्रत पूजन करने से महाफल की प्राप्ति होती है।एवं व्रती का गृहस्थजीवन सुखमय सानन्द होता है। सद् विचार:-नींद अपनी त्यागकरसुलाया हमको,कष्टअपने भुलाकर हँसाया हमको,कष्ट न देना कभी माँ को,जो भगवान के रूप में मिली हमको । आज का पंचॉग दिनांक 21/05/ 2018दिन-सोमवार विक्रम संवत - 2075 शक संवत -1940 अयन - उत्तरायण ऋतु - ग्रीष्म मास - अधिक ज्येष्ठ पक्ष - शुक्ल तिथि -सप्तमी नक्षत्र-श्लेषा योग-वृद्धि राहुकाल 07:30amसे09:00amतक । सूर्योदय - क05:20am सूर्यास्त - 06:40pm चन्द्रास्त -रात्रि12:22 दिशाशूल पूर्व दिशा में आवश्यक होने दर्पण देखकर यात्रा करनी चाहिए। विशेष:-गुरु,शुक्र तारा :-गुरु उदित।शुक्र पश्चिम दिशा में उदित।भद्रास्थिति,:ग्रह स्थिति सूर्य -वृष राशि में चन्द्र -कर्क,राशि में,भौम -मकर राशि में, बुध -मेष राशि में, गुरु- तुला राशि में, शुक्र-मिथुन राशि में शनि-धनु राशि में, राहु -कर्क राशि में, केतु-मकर राशि में भद्रास्थिति:-रात्रि1:41 के बाद (मृत्यु लोक में) जयद् योग:-रात्रि12:59 तक pआज के विशेष मुहूर्त :-सोमवार को शिवार्चन,पार्थिवार्चन,अभिषेक के साथ देवाधिदेव की आराधना परम लाभकारी है । आचार्य प्रभाकर प्रसाद मिश्र (शास्त्री जी)9826888211,9685429985