दो माह तक नहीं शुरू हांेगी जिले की रेत खदानें सिया से एनओसी के इंतजार में ठेकेदार व विभाग सीधी- जिले में रेत खदानों की नीलामी की प्रक्रिया करीब 3 करीब माह पूर्व होनें के बाद अभी समीपी समय में रेत खदान शुरू होनें की स्थिति नहीं बन पा रही है। यहां तीन रेत खदानें नीलामी के बाद निरस्त हो गई है। शेष दो रेत खदानों की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। सिया से एनओसी मिलनें के बाद रेत का खनन हो सकेगा। किन्तु सिया से एनओसी कब तक मंे मिलेगी इसका पता नहीं लगा पा रहा है। उल्लेखनीय है कि सीधी जिले में रेत की किल्लत मची हुई है। रेत खदानों के बंद होनें से लोगों को रेत नहीं मिल पा रही है। निजी एवं शासकीय कार्य शुरू नहीं हो पा रहें हैं जो पहले शुरू हुये थे उन्हे ंगति नहंी मिल पा रही है। करीब 6 माह से यहां रेत की समस्या बनी हुई है। विभाग द्वारा तीन माह पूर्व जिले की पांच रेत खदानों के नीलामी की प्रक्रिया पूर्ण की गई। किन्तु यहां तीन रेत खदान को संचालित करनें के लिये ठेकेदार रूचि लेनें के बजाय हांथ ऊपर खड़ा कर लिये हंै। जिसके चलते तीन रेत खदानों की मार्जिंन मनी को राजसात भी कर लिया गया है। अब शेष दो खदान भुमका एवं डोल की प्रक्रिया चल रही है। जानकारी मुताबिक दोनों रेत खदान के संचालन के लिये सिया की परमिट का इंतजार है। जैसे ही सिया की परमिट मिलेगी खदानों का संचालन शेष प्रक्रिया को पूर्ण कर शुरू कर दिया जायेगा। जिला स्तर पर बन सकती है समिति रेत सहित अन्य खनिज के खनन एवं परिवहन क लिये सिया से एनओसी प्राप्त करना टेढ़ी खीर के समान है। प्रक्रिया काफी लंबी होनें के कारण समय पर एनओसी नहीं मिल पा रही है। इसके चलते संविदाकार विभाग व लोगों को परेषान होना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक अब जिलास्तर पर एक समिति का गठन किया जायेगा। समिति द्वारा खदानों के संचालन के संबंध में रिपोर्ट तैयार कर अंतिम निर्णय लिया जायेगा और यदि खदान निर्धारित मापदंड को पूरा करती है तो सीमित समय में खनन व परिवहन के लिये भी हरी झंडी दे दी जायेगी। इसके लिये अभी भोपाल स्तर पर चर्चा चल रही है। आदेष आते ही इस पर अमल होना तय माना जा रहा है। अवैध रेत निकासी पर नकेल खदानों से रेत खनन न होनें के चलते सोन नदी से रेत निकासी की कोषिषें की जा रही है। सीधी शहर में डेम्हा, देवघटा, भेलकी सहित अन्य घाटों से लोगों द्वारा रेत चोरी कर पहुंचाई जा रही थी। जिस पर कड़ी नकेल कसी गई है। शहर के कई मकानों में तीन माह से सेंट्रिंग लगी हुई है पर छत का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि रेत की कितनी किल्लत बनी हुई है। जानकारी मुताबिक डेम्हा, देवघटा से रेत निकासी करनें वाले रेत माफियाओं के वाहन जप्त कर पुलिस द्वारा जमोड़ी चैकी एवं थानें में खड़ा करा दिये गये हैं । ऐसे में रेत माफिया पस्त हो गयें हैं। इसके अलावा रामपुर नैकिन क्षेत्र में एसडीएम पीएस त्रिपाठी एवं थाना प्रभारी द्वारा भी अवैध रेत निकासी करनें वाले वाहनों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हाल ही में कई वाहनों को जप्त करनें की कार्यवाई की गई है। आलम यह है कि लोगों द्वारा वाहनों के बजाय बोरी में रेत भरकर ले आ रहे हैं। सोन नदी के किनारे बोरियों में रेत भरी पाई गई है। यहां से रेत की किल्लत का अंदाजा लगाया जा सकता है। वाहनों से रेत निकासी संभव न होनंे पर जरूरत पर लोग बोरियों में रेत को भरकर आटो से घर तक चोरी छिपे तौर पर ला रहे हैं। शहडोल व सिंगरौली से आ रही रेत जिले की खदानें संचालित नहीं हो पा रही हैं। जिसके चलते शहडोल एवं सिंगरौली जिले से रेत की खेप यहां पहुंच रही है। पर उससे आपूर्ति नहीं हो पा रही हैै। मांग के मुताबिक लोगों को रेत नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा जो रेत सीधी जिले में 11 से 12 हजार रूपये में हाईवा वाहन पर मिल रही है अब वह 20 से 22 हजार रूपये में लोगों को उपलब्ध हो रही है। ऐसे में जब तक जिले की रेत खदानें शुरू नहीं होती है तब तक रेत की किल्लत बरकरार रहेगी। जो लोग अधिक जरूरत के चलते शहडोल व सिंगरौली जिले से आने वाली रेत की खरीदी कर रहे हैं। उन्हें दो गुनी राषि देनी पड़ रही है। इनका कहना है खदानों के संचालन के लिये सिया की एनओसी आवष्यक है। जिसके लिये ठेकेदारों द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। एनओसी मिलते ही डोल एवं एक अन्य खदान को शुरू कर दिया जायेगा। तीन खदानों की नीलामी की प्रक्रिया पुनः शुरू किया जायेगा।