enewsmp.com
Home सीधी दर्पण असहिष्णुता और सम्मान वापसी पर हल्ला बोल राष्ट्र द्रोह : भारत रक्षा मंच

असहिष्णुता और सम्मान वापसी पर हल्ला बोल राष्ट्र द्रोह : भारत रक्षा मंच

सीधी दिनांक : भारत रक्षा मंच जिला इकाई सीधी द्वारा स्थानीय सोनान्चल बस स्टैण्ड मुख्य मार्ग पर असहिष्णुता का बवंडर खड़ा करने एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने तथा सम्मान वापसी के विरोध में नुक्कड़ सभा प्रांत अध्यक्ष इंजी0 आर0बी0सिंह के मुख्य आतिथ्य, मुख्य वक्ता प्रदेश मंत्री सुरेन्द्र मणि दुबे एवं प्रान्त उपाध्यक्ष श्रीमती आशा शुक्ला की उपस्थिति में आयोजित की गयी और फिल्म कलाकार शाहरूख खान का पुतला फूंककर सामाजिक बहिष्कार का आहवान किया गया ।
सैकड़ों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए आर.बी. सिंह ने कहा कि देश के सम्मान और अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने वालों को भारत रक्षा मंच कतई बर्दाश्त नहीं करेगा सम्मान वापसी करने वाले कलाकार, साहित्यकार, द्वारा सम्मान वापसी दुर्भाग्यपूर्ण है। देश व्यक्ति समूह से बड़ा होता है और उसका स्वाभिमान राष्ट्र का पुरूषार्थ होता है । मुख्य वक्ता सुरेन्द्रमणि दुबे ने कुछ तथाकथित क्षद्म साहित्यकार, लेखक बिहार चुनाव के मद्दे नजर सम्मानवापसी कर देश में असहिष्णुता खतरे में है का जहरीला वातावरण बनाकर विश्व में भारत की छवि धूमिल करने का कुत्सित षड़यंत्र रच रहे हैं जिसका भारत रक्षा मंच कड़े शब्दों में निंदा करता है। और भारत सरकार से मांग करता है कि ऐसे लोगों की ठीक से जांच कराकर उनके पीछे की राष्ट्र विरोधी ताकतों का पर्दाफाश करें । 1004 लोगों को साहित्य अकादमी सम्मान मिले हैं जिसमें से आठ लोगों ने ही वैधानिक रूप से इसे वापिस किया है और केवल तीन ही लोगों ने सम्मान की राशि लौटायी है। दादरी की घटना को लेकर सम्मानवापसी करने वालों से सवाल उठता है कि क्या इसके पूर्व राम राज्य था ? शायद नहीं।
श्री दुबे ने कहा कि 1984 में तीन हजार से अधिक सिक्खों को मौत के घाट उतारा गया। 2009 से 2014 के बीच साम्प्रदायिक हिंसा में आठ हजार से अधिक लोगा मारे गए । 2013 मुजफ्फर नगर के दंगों में 100 से अधिक लोग अपनी जान गवाई । 2012 में असम में 80 से अधिक लोग मारे गए । 1986 से 1990 के बीच पांच लाख से अधिक कश्मीरी पंडितों को मारा गया जिसमें से कई लोग अपनी जान बचाकर देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी करोड़ों की जायदाद छोड़कर खानाबदोश जीवन यापन कर रहे हैं । कश्मीर में सैकड़ों हजारों की संख्या में माताओं बहनों के अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया गया । हजारों की संख्या में कत्लेआम हुए । 1993 के दंगों में सैकड़ो लोग मारे गए । 2002 के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में सैकड़ों लोगों को जिंदा जला दिया गया । प्रश्न यह उठता है कि तब यह तथाकथित देशभक्त शाहरूख खान, नयनतारा सेहगल, उदयप्रकाश, अशोक वाजपेयी, कृष्ण शोभती, राजेश जोशी, जैसे लोग और ये क्षद्म सेक्लूरिजम का डंका पीटने वाले कहां थे। हिन्दू मरे तो वाह वाह और अल्प संख्यक मरे तो हाय तौबा हाय तौबा का खेल अब नहीं चलने देगें । प्रदेश कार्य समिति सदस्य मनोज तिवारी ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि वे सजग और जागरूक रहे अन्यथा उनका नामोनिशान मिट जायेगा। जिला अध्यक्ष वरिष्ठ अधिकवक्ता सुशील शर्मा ने कहा कि भारत अनेकता में एकता का राष्ट्र है किन्तु सांस्कृतिक आत्मा एक है इससे छेड़छाड़ करने वालों यह बढ़ावा देने वालों को बक्शा नहीं जायेगा। जिला संगठन मंत्री ने कहा कि यदि भारत में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा। प्रान्त उपाध्यक्ष श्रीमती आशा शुक्ला ने कहा कि शाहरूख खान जैसे कलाकार सांस्कृतिक एवं कलाजगत में काले धब्बे हैं इनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। मुकेश गुप्ता ने भारत को सहिष्ण्ुा राष्ट्र बताया । जय भारत सिंह चैहान ने सम्मान वापसी को एक कुत्सित राजनीति से प्रेरित करार दिया । उपाध्यक्ष राकेश द्विवेदी ने कहा कि देश है पुकारता पुकारती है भारती । खून से तिलक करो गोलियो से आरती । जिला मंत्री राकेश मौर्य ने कहा कि क्षद्म बहुरूपिये कलाकार एवं साहित्यकार राष्ट्रद्रोही कार्य कर रहे हैं । नुक्कड़ सभा का संचालन तहसील संयोजक डा0 दीपक गर्ग एवं आभार प्रदर्शन जिला संयोजक अभयराज योगी ने किया । इस अवसर पर विनोद सोनी, श्रीमती अनीता शुक्ला, कविता मिश्रा, हरीश अवधिया, जीतेन्द्र कुमार तिवारी, मुकेश गुप्ता, प्रमोद चैरसिया, शैलेन्द्र मिश्रा, हरिदास गुप्ता, सहित अनेक गणमान्य नागरिक महिलाएं, व्यापारी, मंच के कार्यकर्ता प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित होकर कार्यक्रम में भाग लिया।

Share:

Leave a Comment