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छात्रावास की जिन्दगी जीवन का अहम हिस्सा होती है : विधायक

सीधी : उत्कृष्ट अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में आयोजित छात्रावास दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए विधायक केदारनाथ शुक्ल ने कहा कि आज मध्यप्रदेश स्थापना दिवस का आयोजन होने के साथ-साथ छात्रावास दिवस भी है। छात्र-छात्राएं अपना जीवन संवारने के लिए छात्रावास में निवास करते हैं। छात्रावास की जिन्दगी जीवन का अहम हिस्सा है। जिस विद्यार्थी ने छात्रावास का अनुभव प्राप्त नहीं किया वह जीवन के कुछ अनुभवों से वंचित हो गया। छात्रावास में विभिन्न समुदाय की छात्र-छात्राएं आपस में वैचारिक आदान-प्रदान कर अनुभव प्राप्त करते हैं।
इस मौके पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष राजमणि साहू, विधायक प्रतिनिधि पुनीत नारायण शुक्ला, विश्व बन्धुधर द्विवेदी, रवि केशरी, के.एस. नेताम, नवल किशोर द्विवेदी, आदिवासी विकास विभाग के सहायक परियोजना अधिकारी ओ.पी.पाण्डेय, सहायक आयुक्त के.के.पाण्डेय सहित विभिन्न छात्रावासों के अधीक्षक एवं अधीक्षिकांएं, छात्र-छात्राएं तथा पालक उपस्थित थे।
विधायक श्री शुक्ल ने कहा कि छात्रावासी छात्र-छात्राएं पूरी तन्मयता एवं लगन के साथ अध्ययन करें और अपने जीवन में लक्ष्यों को प्राप्त करें तथा उच्च अधिकारी बनें। उन्होंने कहा कि विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्र-छात्राओं को छात्रावास में अपने गांव की कुरीतियॉ एवं समाज की परम्पराओं और रूढ़ियों को दूर करने का मौका मिलता है। जहॉ एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में जाति पॉति के कारण आपस में बैमनस्यता होती है, आपस में एक दूसरे वर्ग के लोग मिल नहीं पाते वहीं छात्रावास में आकर विभिन्न समुदायों के छात्र-छात्राएं आपस में रहते हैं। उनके मन में कही भी छुआछूत की भावनाएं नहीं रहती है। वे छात्रावास में रहने के दौरान आपस की खाई को पाट सकते हैं और इस खाई को पाटने के लिए शिक्षा अति महत्वपूर्ण है। जैसे ही हम शिक्षित होंगे कुरीतियॉ एवं जाति पाति के अंतर को समझ जाते हैं और इससे दूर करने के लिए प्रयासरत रहें। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पूर्व छात्रावासों में छात्रों को इतनी सुविधाएं नहीं मिल पाती थी और छात्रवृत्ति भी बहुत कम मिलती थी। छात्रावास में रहने वाले छात्रों को 500 रूपये शिष्यवृत्ति मिलती है और 5 सौ रूपये उन्हें स्वयं वहन करना पड़ता है। अगर छात्र चाहें तो आपसी सहयोग एवं समन्वय से मिल जुलकर मेस चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि छात्रावासी छात्र-छात्राएं अपने अधीक्षकों के अनुशासन को माने और शॉति प्रिय ढंग से छात्रावास में रहें। अनुशासन मानने पर ही आगे चलकर बेहतर नागरिक बन सकते हैं। उन्होंने सभी उपस्थित जनसमुदाय एवं छात्र-छात्राओं को दीपावली की बधाई दी और कहा कि लक्ष्मी जी एवं सरस्वती माता का आर्शिवाद आप लोगों के ऊपर बना रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त के.के.पाण्डेय ने बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावासों में प्रत्येक वर्ष एक नवम्बर को छात्रावास दिवस समारोह पूर्वक मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं का चहुंमुखी विकास करना और उनकी प्रतिभाओं को आगे लाना है। पालकों के साथ सौहार्दपूर्वक मिलना एवं छात्र-छात्राओं में आपसी संकोच एवं झिझक को मिटाना मुख्य उद्देश्य है।
इस मौके पर छात्रावासी छात्र-छात्राओं ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियॉ दीं।

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