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Home सीधी दर्पण बंद होने की कगार पर है,गाँव की एकलौती विद्यालय ...............

बंद होने की कगार पर है,गाँव की एकलौती विद्यालय ...............

सीधी/पथरौला(ईन्यूज एमपी)-जनपद पंचायत मझौली संकुल केन्द्र टिकरी के ग्राम पंचायत धनसेर की इकलौती
पूर्व माध्यमिक शाला प्रशासनिक अनदेखी व लापरवाही के कारण बंद होने की कगार पर है किन्तु प्रशानिक अमला सब कुछ जानकर भी अनजान बना हुआ है लिहाजा ग्रामीणों का भरोसा भी प्रशासनिक अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों से उठ चुका है।

ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा वर्ष 2012-13 में शौचालय निर्माण की राशि रूपये 565000 दिनांक 14.09. 2011 को चेक क्रमांक 349569 के जरिये इलाहाबाद की शाखा मझौली से आहरित कर बंदरबांट कर लिया गया किन्तु शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया, इसी तरह वर्ष 2009, 2012, 2013, 2014, में गणवेश वितरणनिःशुल्क साइकल वितरण, छात्रवृत्ति वितरण, अतिथि शिक्षकों का वेतन, निर्धन छात्रवृत्ति सहित शासन द्वारा दी जाने वाली कन्टरजेन्सी राशि में जमकर फर्जीवाडा किया गया है यहां तक की छात्राओं के गणवेश की राशि अविभावकों के खाते में न डालकर अपने चहेतों के खाते में डाल दी गयी। ऐसा भी नहीं है कि प्रशानिक अधिकारी प्रधानाध्यापक की करतूतों से अनजान है ग्रामीणों द्वारा शिकायती आवेदनों की प्रति दिखाते हुये कहा गया कि ऐसा लगता है कि प्रशासन नाम की कोई चीज जिले में है ही नहीं ग्रामीणों ने कहा इस विद्यालय के पढे शतप्रतिशत छात्र आज प्रशासनिक सेवा दे रहे है किन्तु आज आलम यह है कि गांव की इकलौती विद्यालय बंद होने के कगार पर है विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक महज 4 दर्जन छात्र ही दर्ज है।

कहां कहां हुई शिकायतः-ग्रामीणों द्वारा शिकायती पत्रों की प्रति दिखाते हुये बताया कि वर्ष 2013 से लगातार

कलेक्टर जनसुनवाई क्र.ं 5364, 20/8/2013, कं0 8041, 17/6/2014, क्र0ं 9802, 15/7/2014 सहित 2/9/2014
को पीजी क्र0 299442/2014 के सहित 5 दिसम्वर 2017 तक बीआरसीसी से लेकर जिला कलेक्टर, कमिश्नर तथा सत्तापक्ष के
जनप्रतिनिधियों में मण्डल से लेकर सांसद तक लिखित व मौखिक रूप से विद्यालय की दुर्दशा की शिकायत की गयी किन्तु आज तक किसी ने उस तरफ देखने तक की जहमत नहीं उठाई। बीआरसीसी पर आरोपः-ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि हर
शिकायत की चांज मझौली बीआरसीसी अरबिंद सिंह गहरवार को ही मिली किन्तु इनके द्वारा शिकायतकर्ता व ग्रामीणों के समक्ष जांच न कर गोपनीय तरीके से जांच करते हुये प्रधानाध्यपक द्वारा किये गये फर्जीवाडे में पर्दा डालते हुये सहभागिता भी निभाते
रहे।
नहीं है रास्ताः-देखा गया कि विद्यालय तक पहुंने के लिये तकरीबन आधा किमी पैदल चलना पडता है रास्ता नहीं हैं जबकि
ग्रामीणों के द्वारा अपनी पट्टे की जमीन भी दी गयी है लेकिन किसी के द्वारा सडक के लिये पहल नहीं की गयी जबकि ग्रामीणों नें बताया कि पिछले सत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा सडक के लिये आश्वासन दिया गया था।

हमारे गांव की स्कूल कभी टॅाप में हुआ करती थी आज बंद होनें के कगार में है जिसमें प्रधानाध्यपक से लेकर जिला
तक दोषी है शिकायतों की बिन्दुवार जांच करायी जानी चाहिये।

अंजनी पयायी, स्थानीय निवासी

प्रधानाध्यापक के कृत्यों की पीजी शिकायत सहित मेरे द्वारा कलेक्टरजनसुनवाई व कमिश्नर तक से की गयी किन्तु हर बार बीआरसीसी जांच में आते हैं वही इनका भी सरंक्षण प्राप्त है।

रामसजीवन पाण्डेय, स्थानीय निवासी


छात्रों को बैठने के लिये टाट पट्टी भी नहीं है न पानी पीने के लिये गिलास वच्चे हैण्डपम्प में मुंह लगाकर पानी
पीते है इस बारे में बोला तों प्रधानाध्यपक द्वारा झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी दी गयी।

प्रसन्न कुमार द्विवेदी, स्थानीय निवासी

मेंरे द्वारा दिनांक 21 नबम्वर व 5 दिसम्वर 17 को लिखित वमौखिक शिकायत कलेक्टर से की गयी थी जांच का आश्वासन भी
मिला था लेकिन हुई नहीं अब तो लगता है गांव की स्कूलबंद करनें पूरा प्रशासन मिला हुआ है।

अमरनाथ तिवारी अध्यक्षविष्व हिन्दूसेना सीधी

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