भोपाल(ईन्यूज एमपी)-तहसीलदार व नायब तहसीलदार गुरुवार से 13 अक्टूबर तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इसके कारण जाति प्रमाण पत्र समेत राजस्व से जुड़े सभी प्रकरण लंबित होंगे। आम नागरिक व किसानों को परेशान होना पड़ेगा। यह निर्णय मप्र राजस्व अधिकारी संघ ने लिया है। संघ का कहना है कि खाली पदों को नहीं भरा जा रहा है इसलिए विभाग में अधिकारी-कर्मचारियों की कमी है। मौजूदा अधिकारी, कर्मचारियों के पास अतिरिक्त प्रभार हैं। संसाधनों की कमी भी है इसके बावजूद राजस्व विभाग में ऑनलाइन आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में करने की बाध्यता है। इससे काम करने वालों पर मानसिक दबाव बढ़ा है। शासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। संघ ने चेतावनी दी है कि 13 अक्टूबर की शाम तक मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो 14 से सामूहिक हड़ताल पर जाएंगे। मप्र राजस्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि प्रदेश में 1000 तहसीलदार, नायब तहसीलदार हैं। वहीं, तहसीलदारों के 350 से अधिक पद खाली हैं। ये पद नायब तहसीलदारों को पदोन्न्ति देकर भरे जाने हैं। इनका काम मौजूदा 350 तहसीलदारों को करना पड़ रहा है। इस कारण इतने तहसीलदारों पर काम का अतिरिक्त बोझ हो रहा है। इससे वे मानसिक तनाव में है। - नायब तहसीलदार, तहसीलदारों को सालों से पदोन्नतियां नहीं मिल रही हैं। कई तहसीलदार व डिप्टी कलेक्टर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। संघ ने तत्काल पदोन्न्ति का रास्ता खोलने की मांग की है। पत्र में अपनी समस्या बताते हुए कहा गया है कि- - मानवीय संसाधनों के अलावा कंप्यूटर ऑपरेटर, लिपिक, भृत्य, चौकीदार, भवन, फर्नीचर, नियमित मासिक बजट की कमी है। किसानों के प्रकरणों को समय पर निपटाने में दिक्कतें आती हैं। उन्हें परेशान होना पड़ता है। - राजस्व अधिकारी 24 घंटे काम कर रहे हैं। फिर भी एक महीने का अतिरिक्त वेतन नहीं मिल रहा। साप्ताहिक अवकाश की सुविधा भी नहीं है। मानसिक तनाव से पूरा परिवार प्रभावित हो रहा है। - मई-जून में ट्रांसफर करने थे, जो अभी तक किए जा रहे हैं। इसके कारण परिवार अस्त-व्यस्त हो रहा है, सरकार को इसकी चिंता नही है।