भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का खेमा खुलकर आमने-सामने आ गया है। प्रदेश की मंत्री इमरती देवी सहित कुछ नेता चाहते हैं कि सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाए वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह बाला बच्चन या अपने समर्थक को इस पद पर देखना चाहते हैं। वर्तमान में सरकार में मंत्री बाला बच्चन पार्टी का आदिवासी चेहरा हैं। इसे देखते हुए सिंधिया खेमे में भी मंत्री उमंग सिंघार का नाम आगे बढ़ा दिया है। जब नामों पर विवाद की स्थिति बनी तो दिग्विजय खेमे ने अचानक अर्जुनसिंह के बेटे और पूर्व विधायक अजय सिंह का नाम आगे बढ़ा दिया है। ताजा घटनाक्रम के बीच कल जहां दिग्विजय सिंह और मंत्री गोविंद सिंह अजय सिंह के निवास पर पहुंचे थे वहीं उनके बाद अजय सिंह के निवास पर एक दर्जन से अधिक विधायक पहुंचे। इसे पार्टी पर दबाव की राजनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। इसी बीच मंत्री डाॅ गोविंद सिंह ने चंबल-ग्वालियर अंचल में अवैध खनन का मुद्दा उठा दिया है। इसके पीछे की राजनीति यह बताई जा रही है कि इन अंचल में अधिकांश अधिकारी सिंधिया समर्थक हैं। वहीं पिछले हफ्ते दस दिन से सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर इस बीच पहली बार मुंह खोलते हुए सिंधिया ने पहले ही साफ किया कि वे न तो भाजपा में जा रहे हैं और न ही भाजपा के किसी भी नेता के संपर्क में हैं। सिंधिया को महाराष्ट्र विधानसभा के लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं जिला कांग्रेस कमेटी मुरैना के अध्यक्ष राकेश मावई ने एलान किया है कि अगर सिंधिया अध्यक्ष नहीं बने तो मुरैना की कार्यकारिणी सहित वे खुद भी इस्तीफा दे देंगे। यह मांग मावई ने सीधे सोनिया गांधी और राहुल गांधी से की है।