पथरौला/सीधी (ईन्यूज एमपी):-जिले के एक मात्र आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी अन्तर्गत इन दिनों ग्रामीणों के द्वारा शासकिय खाली पडे भूखण्ड में अबैधानिक तरीके से निर्माण कार्य कराने की होड सी लगी हुई है लेकिन स्थानीय प्रशासन कार्यवाही करनें के बजाय पैसों का लेन देन कर मूक सहमति प्रदान कर रहा है। जो क्षेत्र अन्तर्गत चर्चा का विषय बना हुआ है। ये किसी एक गांव की कहानी नहीं है बल्कि दर्जन भर ग्राम पंचायतों का यही हाल है। विगत दिवस कई ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर जायजा लिया गया तो स्थिति सामन आई। जनपद अन्तर्गत जहां पोडी अस्पताल के सामने पी यम आवास का निर्माण कराया जा रहा वहीं ग्राम पंचायत बस्तुआ मे उचित मूल्य की दुकान के बगल मे खाली पडे भूभाग पर अबैध तरीक़े से तथा कथित व्यक्तियों के द्वारा भवन का निर्माण कराया जा रहा है। किन्तु इस अबैध निर्माण को रोकने न तो राजस्व अमला आगे आ रहा है और ना ही स्थानीय ग्राम पंचायते रोक लगा पा रही हैं। ग्रामीणों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बिस्थापित गांव के ग्रामीणों द्वारा मुआबजे की लम्बी राशि लेने के बाद भी शासकिय जमीन पर कब्जा करनें अधिकारियों से सांठगांठ कर अबैध निर्माण करवा रहे हैं। जिसमें ग्राम पंचायतों की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। इतना ही नहीं अतिक्रमण की चपेट मे सडकें भी है किन्तु लोनिवि भी कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।जबकि देखा जाय तो सडको किनारे झोपडी बना कर अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। जबकि तिलवारी जनकपुर सडक के चौडीकरण का कार्य भी प्रस्तावित है। जिसमें विभाग को अतिक्रमण हटाने मे भी कडी मशक्कत करनी पडेगी। ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अबैध निर्माण मे रोक लगवाये जाने की गुजारिश की है।