सीधी (ईन्यूज एमपी)- जिले के निजी स्कूल संचालको द्वारा प्रशासन के आदेश की खुलेआम धज्जियां उडाई जा रही है,मान्यता रंद्द होने के बाद भी स्कूलो का संचालन किया जा रहा है,व अभिभावकों को टीसी देने मे आनाकानी की जा रही है। निर्धारित मापदंडों को पूरा न कर पाने वाले जिले की कुल 142 स्कूलों को जारी की गई मान्यता वापस ली गई है। जिसमें सीधी विकासखंड अंतर्गत 46, रामपुर नैकिन 33, सिहावल 24, मझौली 25 तथा कुसमी विकासखंड की 14 निजी स्कूलों की मान्यता वापस ली गई है। मान्यता वापस लेने के बाद हिदायत दी गई थी कि इसके बाद भी यदि स्कूल का संचालन पाया जाता है तो स्कूल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों को भी सूचित किया गया था कि वे इन स्कूल से अपने बच्चों की टीसी कटाकर दूसरे स्कूल मे प्रवेश दिलाना सुनिश्चित करें,लेकिन न तो संचालको ने इस ओर ध्यान दिया न प्रशासन ने बल्कि जब अभिभावक बंच्चो की टीसी लेने विद्यालय पहुंचे तो स्कूल संचालकों ने उन्हे यह कहकर टीसी नही दी कि साहब ये तो हर साल की आदत है ,अधिकारियों को पैसे न मिलने के कारण मान्यता का खेल खेला जा रहा है,आप चिंता न करे जल्द ही मान्यता मिल जायेगी। और प्रशासन के निर्देश के बाद भी धडल्ले से विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। अब स्कूल संचालकों के सामने बेबस अभिभावक वापस लौट रहे है ,वही स्कूल संचालक मान्यता की जुगाड़ मे है,लेकिन एक बात समझ से परे है कि जब हर तरह की जांच के बाद स्कूलों की मान्यता वापस ले ली जाती है तो बाद मे ऐसा क्या होता है कि,मान्यता दोबारा मिल जाती है,व अगले साल फिर मान्यता रंद्द स्कूलो की लंम्बी सूची आती है,जो बाद मे गुम जाती है,ये सोचने का विषय है। बहरहाल देखना ये है कि शिक्षा विभाग से जारी 142 स्कूलो की रद्द मान्यता दोबारा मिलती है या नही और किस आधार पर इन्हे दोबारा मान्यता दी जाती है,हालाकि नियमो को दर किनार कर निजी स्कूल संचालकों द्वारा जमकर अभिभावकों को लूटा गया है,शायद उसी के अंशदान से मान्यता.......?