सीधी(सचीन्द्र मिश्र)-सीधी जिले के आदिवासी बाहुल्य वनांचल क्षेत्र कुशमी के विकाश व आदिवासियो के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए सरकार चाहे कितने ही प्रयास क्यों न कर ले लेकिन कमीशन खोरी व अधिकारियो के मनमाने रवैइये के चलते स्थित ज्यो की त्यों बनी हुई है| जिसके चलते कलेक्टर ने कुशमी में हुए मंरेगा के कार्यो के सामाजिक अकेक्षण के आदेश दिए है | जनपद पंचायत कुशमी में मंरेगा के अंतर्गत स्वीकृत कामो पर नजर डाली जाये तो ज्यादातर काम कागजो में ही मिलेगे वास्तविकता के धरातल पर उनके अवशेष मात्र के दर्शन दुर्लभ है, यदाकदा जिन स्थानों पर पहुच पाना आसान है, वहा थोड़े बहुत काम हुए है लेकिन वनांचल क्षेत्र होने व मुख्यालय से दूरी अधिक होने के कारण अधिकारियो द्वारा ज्यादातर स्थानों पर मनमानी तरीके से फर्जी कार्यो को दिखाकर राशी का बंदरबाट किया जा रहा है और अधिकारियो के संरक्षण में उनके मताहत भी धांधली में जुटे हुए है , उनके द्वारा बिना काम के ही राशी आवंटित कर अपना हिस्सा लेकर किनारा कर लिया जाता है, अधिकारियो द्वारा भी अपूर्ण व जहां काम नही हुआ है उसकी जिम्मेदारी छोटे कर्मचारियों पर थोप दी जाती है और अपने दामन को साफ बचा लिया जाता है | अब होगी जाँच---- कुशमी में मनरेगा से हुए कार्यो की जाँच के उद्देश्य से जिला कलेक्टर द्वारा सामाजिक आकेक्षण करने के आदेश दिए है, जिससे की मनरेगा के कामो व अधिकारियो दोनों की पोल खुल जायेगी|