सीधी (ईन्यूज एमपी)-टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने सीधी जिले के अन्नदाता, प्रजापालक, राष्ट्र निर्माता किसान मजदूर साथियों से 1 से 10 जून तक के गांव बंद आंदोलन में शामिल होने का आग्रह करते हुए कहा है कि आज देश का किसान मजदूर बहुत ही विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है सरकारों की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान मजदूर शोषित है, पीड़ित है, अपमानित है जिसके परिणाम स्वरुप किसान मजदूर आत्महत्या करने के लिए विवश है। जबकि किसान मजदूर जन्म होने के 5 वर्ष की उम्र से लेकर मरते दम तक खुले आसमान के नीचे तपती धूप, कड़कड़ाती ठंड, बरसात व जहरीले जानवरों के बीच अपने प्राणों की चिंता न करते हुए खेती का कार्य करता है जिससे देश का पालन पोषण होता है। इस शोषण के विरुद्ध देशभर के किसान संगठनों द्वारा किसान मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए देश के 20 राज्यों में 1 से 10 जून तक गाँव बंद आंदोलन का ऐलान किया है। राष्ट्रीय स्तर के इस किसान आंदोलन की प्रमुख दो मांगें हैं जिसमें पहली मांग है कि किसान को लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य दिया जावे तथा सभी फसलों को समर्थन मूल्य पर क्रय किए जाने की गारंटी का कानून बनाया जाए। दूसरी मांग है कि देश में संपूर्ण किसानों मजदूरों को ऋण मुक्त किया जाए। श्री तिवारी ने कहा है कि 1 जून से 10 जून तक होने वाले किसान आंदोलन की रणनीति स्पष्ट है गांव का आदमी गांव में ही रहेगा वह न तो शहर में खरीदी के लिए आएगा ना ही अपनी उपज, अपनी सब्जी, दूध कुछ भी शहर में बेचने नहीं जाएगा। आगे श्री तिवारी ने कहा है कि अगर हम 10 दिनों तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के दलाल रूपी बहुरूपियों के बहकावे में न आकर शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन का समर्थन करेंगे तो सफलता शत प्रतिशत सुनिश्चित है। श्री तिवारी ने अवैध तरीके से और धोखाधड़ी से सीधी जिले के किसानों के भूमियों के अधिग्रहण एवं विस्थापन के विरोध में कलेक्ट्रेट सीधी में 4 जून से 8 जून तक किये जा रहे "डेरा डालो डेरा डालो" आंदोलन में अधिक से अधिक संख्या में किसान और मजदूरों से भागीदारी करने का आग्रह किया है।