सीधी(ईन्यूज एमपी)- लोकतंत्र विकल्प देता है लेकिन विकल्प तय करने के लिए जन जागरूकता अतिआवश्यक है। जागरूकता से ही लोकतंत्र मजबूत होता है। इसी उद्देश्य के साथ सेमरिया में 18 मई को आयोजित जन जागरूकता सम्मेलन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मिलकर देश-प्रदेश का राजनैतिक भविष्य तय करें। उक्त बातें पूर्व विधायक गोपद बनास के.के.सिंह भंवर ने आज यहां गंगोत्री रेस्टोरेंट में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कही। श्री सिंह ने विंध्य क्षेत्र वासियों से अपील करते हुए कहा कि 18 मई को सेमरिया पधारकर देश की एक उभरती युवा प्रतिभा उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिनकी सहजता, सरलता और विषयों की वास्तविक समझ ने मुझे अत्यंत प्रभावित किया। जो आने वाले समय में देश के राजनैतिक भविष्य में निर्णायक होंगे। आप सब की उपस्थिति भविष्य की उमीद में निर्णायक होगी। उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यक्रम मेरे चुनाव लडऩे से नहीं जुड़ा है। बल्कि राजनैतिक जागरूकता के लिए है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व विधायक श्री सिंह ने कहा कि आप सबको यह भलीभांति पता है कि मैंने अपना पहला चुनाव गोपद बनास से 1990 में एक निर्दलीय के रूप से लड़ा। जबकि मैं एक स्थापित राजनैतिक परिवार से हूं, मेरा निर्दलीय राजनीति करना और उसमें बने रहना इस बात को साबित करता है कि स्थापित राजनैतिक दलों को यह मंजूर नही था कि मैं उनका प्रतिनिधि बनूं। इस हालात में यह स्पष्ट था अगर मुझे सक्रिय राजनीति में बने रहना है तो मुझे अपनी लड़ाई आप सबके आशिर्वाद और समर्थन से स्वयं ही लडऩी होगी। ०००० जनभावना तय करेगी चुनाव लडूं या नहीं विधानसभा या लोकसभा चुनाव लडऩे के सवाल पर श्री सिंह ने कहा कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं यह मैं नहीं क्षेत्र की जनता और उनके प्रति कैसी भावना है उसी से तय होना है। हालांकि हमेशा मुझे क्षेत्र की जनता ने मेरी इस सोच को मजबूत करते हुए सबसे इतना असीम स्नेह, विश्वास और समर्थन मिला है कि उसके बाद चुनाव जीतना या हारना कोई मायने नहीं रखता। मेरे लगभग 30 साल के राजनैतिक यात्रा में क्षेत्रवासियों का स्नेह लगातार बढ़ता ही गया। ००००० जनसेवा का सशक्त माध्यम है राजनीति वर्तमान की राजनीति में आप फिर नहीं हैं सवाल का बड़ी सहजता से जवाब देते हुए पूर्व विधायक गोपद बनास के.के.सिंह भंवर ने कहा कि वर्तमान के राजनैतिक हालात और व्यवस्था में मैं लोगों को फिट नहीं लगता। इसके बावजूद यह स्वीकार करना होगा कि जनसेवा, क्षेत्र, प्रदेश के विकास के लिए कुछ भी करने का सबसे सशक्त माध्यम राजनीति है। शायद यही सच्चाई मुझे राजनीति में खींच लाई है। मौका मिलने पर कभी भी जनसेवा से पीछे नही हटा हूं।