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बढ़ौरा में विशाल ब्राम्हण सम्मेलन सम्पन्न........

सीधी ( ईन्यूज़ एमपी ) - अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा दिल्ली के तत्वावधान में जिला इकाई सीधी के द्वारा विशाल ब्राम्हण सम्मेलन एवं शंखपूजन महोत्सव का कार्यक्रम बढ़ौरा शिव मंदिर परिसर में 18 मार्च रविवार को मुख्य अतिथि पं0 कुलदीप भारद्वाज राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली, अध्यक्षता पं0 राजेश मिश्रा समाजसेवी, विशिष्ट अतिथि पं0 सुदेश भारतद्वाज, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरियाणा, शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रीवा, पं0 रामावतार त्रिपाठी प्रदेश अध्यक्ष सतना, पं0 राजेश दुवे प्रदेश युवा अध्यक्ष, पं0 द्वारिका प्रसाद दुवे, पं0 राजेश तिवारी मंडी अध्यक्ष व्यौहारी, पं0 तुलसी प्रसाद पाण्डेय वरिष्ठ अधिवक्ता, पं0 के.के. तिवारी पं0 उदय कमल मिश्रा एड. संयोजक भगवान परशुराम जयंती समारोह के विशिष्ट आतिथ्य में, पं0 हिन्छलाल तिपाठी, पं0 सतीष पाण्डेय अध्यक्षर अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा सीधी, पं0 रामराज शुक्ला, पं0 हुब्बलाल त्रिपाठी, पं0 नारायण मिश्रा, पं0 सुरेश तिवारी के कुशल संरक्षण में सम्पन्न हुआ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पं0 कुलदीप भारद्वाज ने व्यक्त किया कि संसद में ब्राम्हण समाज के 52 सांसद होने के बाद भी पिछड़ा वर्ग आरक्षण का संसद में विरोध न होने पर मैने संकल्प लिया है कि कम से कम एक सांसद देश में भेजे जो जातिगत आरक्षण को समाप्त करने की बात करे। ब्राम्हण महासभा की पहल पर हिमांचल प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश में ब्राम्हण कल्याण बोर्ड़ का गठन हो गया है। म0प्र0 में भी गठन हो प्रयास चल रहा है। धर्म को आगे रहकर राजनीति को रास्ता दिखाना चाहिए लेकिन आज राजनीति आगे है और धर्म को रास्ता दिखा रही है। जिस तरह मायावती अपनो को संगठित कर सम्मान ले रही है। उसी तरह हमको भी संगठित होना चाहिए तभी सम्मान मिलेगा। ब्राम्हण समाज के जो सांसद, विधायक सदन में आरक्षण का विरोध नहीं करते उन नेताओं का ब्राम्हण समाज के मंच से सम्मान नहो। मनुष्य, मनुष्य योनी मे आने के पूर्व गाय के गर्भ में आता है गाय का दूध स्वर्ण युक्त होता है, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए। ब्राम्हण की शिखा वृहस्पति जो गुरू का प्रतीक है। संविधान समिति मे 13 ब्राम्हण थे उनमे से किसी एक की प्रतिमा लगाई जाय। अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा सीधी के अध्यक्ष सतीष पाण्डेय का राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप भारद्वाज ने सर्वानुमति से अनुमोदन किया। पं0 राजेश मिश्रा ने व्यक्त किया की जो गैर ब्राम्हण नेता ब्राम्हण को गाली देता है उसे बड़ा माना जाता है। रीवा राज्य में बढ़ौरा ब्राम्हणों का केन्द्र था आज हम समाज को यहा एकत्रित करने की पहल कर रहे हैं। देश की दो प्रमुख पार्टी के प्रमुख ब्राम्हण थे लेकिन ब्राम्हणों का हित नहीं हुआ कारण खोजना होगा वर्ष में अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा की ओर से आयोजित सामूहिक कन्या विवाह के लिये विवाह घर, भोजन एवं 5 कन्याओं के विवाह का भार वहन करने का वचन दिये। ब्राम्हण, ब्राम्हणवादी नहीं है तो यह राष्टर्थिक सामूहिक कन्या विवाह के लिये विवाह घर, भेजन एवं 5 कन्याओं के विवाह का भार वहन करने का वचन दिये। ब्राम्हण, ब्राम्हणवादी नहीं है तो यह राष्ट्रवादी नहीं हो सकता हिन्दू समाज को बचाने के लिये राष्ट्रवादी होना चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक पं0 उदय कमल मिश्र ने प्रस्तावना भाषण के माध्यम से व्यक्त कया कि ब्राम्हण समाज जिसकी नेतृत्व दिया वह समाज का हित, विकास हित नहीं किया वह सिर्फ अपना हित किया। जिस तरह से अन्य वर्ग के नेताओ ने अपने समाज के लोगो का उत्थान कर सम्मान प्राप्त कर रहे है, उसी तरह ब्राम्हण समाज के नेताओ को भी अपने समाज का उत्थान कर सम्मानित होना चाहिए। जो नेता समाज के उत्थान की पहल न करे उसे मत से वंचित किया जाय, ऐसा प्रयास हो ब्राम्हण समाज बुद्धिमान, सेवाभावी, बहुसंख्यक है, लेकिन संगठित न होने से अपना अस्तित्व समाप्त कर रहा है जिसकी वजह से सनातन धर्म पतन की ओर जा रहा है। ब्राम्हण कल्याण बोर्ड का गठन, देश में आर्थिक आधार पर आरक्षण की आवश्यकता है, इसी में सम्पूर्ण समाज व देश का हित निहित है। पं0 सुरेश भारद्वाज ने कहा कि समाज में जो गरीब है अमीर लोग उसकी गरीबी दूर करने की पहल सिख्ख समाज का अनुसरण कर करे। ब्राम्हण कभी किसी से कुछ नहीं लिया सदैव दिया है, सह सम्पूर्ण समाज के कल्याण की अवधारणा रखता है। श्रीमती शकुंतला मिश्रा ने ऐसे आयोजन के लिये आयोजक मंडलको धन्यवाद देते हुये महिलाओ के भागीदारी की बात कही। पं0 रामावतार त्रिपाठी ने कहा कि ब्राम्हण समाज के लोगो ने सनातन धर्म के संस्कृति की ज्वाला को जलाया है, ज्ञान, भक्ति के कारण कृष्ण ने सुदामा के चरण धोये। ब्राम्हणों का राजनैतिक पतन हुआ। गाँधी ने कहा था सरकारी नौकरी प्रतिभा के आधार पर मिले चाहे व एक वर्ग का ही क्या न हो लेकिन उनका नाम जप करने वालो ने उनके विचारों की अनदेखी की। पं0 तुलसी पाण्डेय ने कहा कि आज ब्राम्हण समाज 90 प्रतिशत गरीबी रेखा के नीचे पहुंच चुका है। आर्थिक कमजोरी से शिक्षा से वंचित हो रहा है। ब्राम्हण समाज देश-प्रदेश में ब्राम्हण का नेतृत्व नहीं है। पं0 द्वारिका दुवे ने कहा कि समाज के लोगो में इर्शा होने से पतन हो रहा है हमे दधीच, भगवान परशुराम जैसे आचरण अपनाते का त्याग एवं पराक्रम के साथ रहना चाहिए। के.के. तिवारी ने कहा कि हमे एक जुट होकर समाज के उत्थान की बात करनी चाहिए। हर वर्ग हमारे ऊपर आक्रमण कर रहा है जिस कारण से हम श्रेष्ठ से उसका अनुशरण करें। राजेश तिवारी ने कहा कि हमे चाणक्त, भगवान परशुराम का अनुसरण करते हुये अपना आचरण सात्विक रखने का प्रयास करना चाहिए। समारोह में जिला इकाई के अध्यक्ष पं0 सतीष पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत करते हुये व्यक्त किया कि समाज ने अध्यक्ष का दायित्व जो दिया उस पर खरा उतरने का प्रयास करूॅगा। समारोह में पं0 रामराज शुक्ला, पं0 सुचीन्द्र शुक्ला ने भी सभा को सम्बोधित किया। अखिल भारतीय ब्राम्हण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्षा पं0 कुलदीप भारद्वाज का गोविन्दगढ़, रामपुर नैकिन, चुरहट में भव्य स्वागत करते हुये चुरहट से बाइक-कार रैली के माध्यम से कार्यक्रम स्थल तक जयकारे के साथ लाया गया। सभा में प्रमुख रूप से दयाशंकर पाण्डेय, संतोष पाण्डेय, वीरेश पाण्डेय, मनोज त्रिपाठी, रमेश द्विवेदी, पुजेरी लाल मिश्रा, लक्ष्मीकान्त शुक्ला, अजय मिश्रा, यज्ञशरण मिश्रा, शिवामणि तिवारी, रविन्द्र गौतम, मनोज शुक्ला, उमा प्रसाद मिश्रा, वीरेश तिवारी, अखिलेश पाण्डेय, श्रवण प्रसाद मिश्रा, रामाधार शर्मा, आदित्य शुक्ला, अमृतलाल गौतम के अतिरिक्त बढ़ौरा क्षेत्र के हजारों विप्रजनो की उपस्थित थी।

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