सीधी (ईन्यूज एमपी ) मध्यांचल बैंक बहरी के तत्कालीन शाखा प्रवंधक को धोखाधड़ी के आरोप में दस साल की सजा सुनाई गई है ।खाताधारक के खाते से 25 लाख रुपये से अधिक की राशि अपने निजी खाते में ट्रांसफर करने का आरोप सिध्द होने पर आज यह कार्यवाही की गई है । मामले के सम्बंध मे अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक आदित्य प्रताप सिंह से मिली जानकारी के अनुसार मध्यांचल ग्रामीण बैंक के बहरी शाखा मे साधूलाल अरोड़ा ने मियादी जमा खाता खुलवाकर 25 लाख 82 हजार 370 रूपये जमा किया था जिसे बैंक मे पदस्थ रहे मैनेजर बनवारीलाल मींणा पिता चिरंजीलाल मींणा निवासी दुब्बी थाना सूर्यबाल जिला सवाई माधौपुर राजस्थान ने अपने नाते रिस्तेदारों के खाते मे रकम मियाद पूर्ण होने का कूटरचित दस्तावेज लगाकर अंतरित कर दिया था इसकी जानकारी खाता धारक साधूलाल अरोड़ा को तव हुई जव वे अपने खाते की राशि को अपने की मध्यांचल बैंक के सतना शाखा मे भेजने की मांग किया तो बैंक मे पदस्थ हुए मैनेजर नारायण सिंह बराह के होस उड़ ये उनकी मियादी जमा राशि पूर्व शाखा प्रबंधक ने अपने रिस्तेदार अंकुश गुप्ता के एसबीआई के खाते मे भेज दिया था वही मस्तराम मीणा के खाते मे पांच लाख भेज दिया था तो खुद के खाते मे जमा कर लिया था तीनों के बैंक अलग अलग थे जिसकी शिकायत अरोड़ा ने किया तो शाखा प्रबंधक ने जांच कर पूरे मामले की शिकायत थाना मे दर्ज कराया तो कमर्जी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 68/15 मे धारा 409,420 का अपराध कायम कर बिवेचना मे लिया था । जहां से द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय मे प्रकरण को भेज दिया गया था तीन साल तक चले मामले मे नौ से ज्यादा साक्ष्यों का साक्ष्य कराया गया जहां सभी ने शाखा प्रबंधक को दोशी करार दिया है विद्वान न्यायाधीश यतीन्द्र कुमार गुरू ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि आरोपी भले ही उस बैंक मे नही रहा लेकिन सहांयक प्रबंधक जीडी गुप्ता व मृतक जीपी तिवारी के पास वर्ड का उपयोंग करके आरोपी ने रकम को मस्तराम मीणा के खाते मे अंतरण कर लिया था उनके खाते मे पैसे भेजकर खुद उपयोंग किया था इसकारण आरोपी पर लगे आरोप सावित हो रहे है तो उसपर लगे धारा 420 का अरोप सावित नही होने के कारण दोष मुक्त कर दिया गया है।