सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- प्रदेश के आयुष, नवीन एवं नवकरणीय उर्जा जल संसाधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री हर्ष सिंह ने आज मंडी प्रांगण मे भावांतर भुगतान योजना का शुभारम्भ किया। उन्होने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। आज से भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत मंडियों मे किसानों की 8 उपज उडद, मूंग, मक्का, अरहर,तिल, रामतिल,सोयाबीन, मूंगफली की फसलों को खरीदा जायेगा और विक्रय दर एवं सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के अंतर की राशि किसान के खाते में जमा की जायेगी। बैठक में सांसद रीती पाठक, विधायक केदार नाथ शुक्ला एवं कुवर सिंह टेकाम, नगर पालिका अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष अभ्युदय सिंह, विध्य विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष सिंह, अजय प्रताप सिंह, मण्डी अध्यक्ष राजपती सिंह, वरिष्ठ समाज सेवी लालचन्द गुप्ता, कलेक्टर दिलीप कुमार, पुलिस अधीक्षक आबिद खान, मण्डी समिति के सचिव टी.पी. सिंह सहित जन प्रतिनिधि एवं जिला अधिकारी मौजूद थे। विधायक केदार नाथ शुक्ल ने किसानों को सम्बोधित करते हुये कहा कि भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत 8 तरह की दलहनीय एवं तिलहनीय फसलों को शामिल किया गया है। इसमें सोयाबीन, तिल,रामतिल, उडद, मूग,अरहर, एवं मक्का के लिए किसानों का पंजीयन किया गया है। आज से किसानों की उपज की मण्डी में खरीदी प्रारम्भ हो गई है। इसके तहत किसानों को उपज की बिक्री की दर एवं पडोसी दो प्रदेश के फसल की मण्डी एवं मण्डी की शाखाओं में विक्रय की दर का औसत और प्रदेश सरकार द्वारा निश्चिित की गई समर्थन मूल्य के औसत से किसानों को अंतर की राशि का भुगतान किया जायेगा। उन्होने कहा कि उपज मण्डी की शाखाओं मे ही बिकनी चाहिए तथा किसान के पास उसकी रसीद होनी चाहिए। यदि किसान चाहे तो उपज का कम मूल्य मिलने पर उसे विक्रय न कर गोदाम में रखता है तो गोदाम का किराया भी 7 प्रति क्विंटल के मान से मिलेगा। उन्होने कहा कि यह बडे खेद का विषय है कि जिले में एक भी मण्डी संचालित नही है। उन्होने बताया कि सीधी के गेहॅू की गुणवत्ता प्रदेश में अपना अलग स्थान रखती है। उन्होने कहा कि जिले में मण्डी संचालित करने के प्रयास किये जायं। विधायक श्री शुक्ल ने कहा कि आधुनिक एवं वैज्ञानिक विधि से तथा रासायनिक उरर्वकों से खेती करने के कारण हम अपनी पुरातनकाल की जैविक आधारित खेती को भूलते जा रहे हैं। जबकि जिले की कोदई बाहर, 150 रूपये प्रति किलो बिकती है। यह जिला कंद की खेती में काफी आगे हैं पूर्व में यहां का सूरन पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध था। यहां बगरी चावल होता था। सामा,कोदव, कुटकी होती थी। इसे प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि जिले में खेती को लाभ का धन्धा बनाने के लिए प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाय इससे हमारे आदिवासी किसान सम्पन्न होगें। उन्होने कहा कि चितरंगी की अरहर देश की सर्वोत्तम अरहर मानी जाती है। बिजौरा के उडद में काफी मात्रा में फैट पाया जाता है। उन्होने कहा कि यहां के किसान मोटे अनाज की खेती कर सुखी और सम्पन्न बन सकते हैं। विधायक श्री शुक्ल ने किसानों के हित के लिए योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसान या उसके मजदूर की खेत में काम करते हुए मृत्यु होती है तो पीडित परिवार को 4 लाख रूपये सहायता राशि देने का प्रावधान है। उन्होने बताया कि भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत जिले के 3632 किसानो ने अपना आॅनलाइन पंजीयन कराया है।