सीधी(सचींद्र मिश्र)- आज विश्व खाद्य दिवस है| खाद्यान्न की समस्या को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने विश्व खाद्य दिवस की घोषणा की थी। 16 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में विश्व खाद्य दिवस की शुरुआत हुई। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया में भुखमरी खत्म करना है। इस अवसर पर आज सीधी विधानसभा के भाजपा विधायक पंडित केदारनाथ शुक्ल ने जिले के लोगों से अन्न की बर्बादी ना करने का अपील की है| उन्होंने एक फोटो जारी कर लोगों से अपील की है की खाने की चीजों को बर्बाद ना करें क्योंकि बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको 2 जून की रोटी नसीब नहीं होती है| इसके बावजूद ऐसे हजारों लोग हैं जो थाली में जरूरत से ज्यादा खाना परोसते हैं और फिर उसे छोड़ देते हैं। यानी दुनिया में लाखों लोग ऐसे हैं जिनके घर में प्रतिदिन खाना खूब बर्बाद होता है। वहीं दूसरी ओर ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जिनको एक जून की रोटी के भी लाले हैं।श्री शुक्ल ने कहा है की हमें केवल उतना ही खाना अपनी थाली में लेना चाहिये जितनी हमें जरुरत हो| देश में संपन्नता और गरीबी के बीच की खाई इतनी गहरी हो गई है कि कहीं तो शादी समारोह में बचने वाले खाने का निपटारा एक मुसीबत होता है तो कहीं लोगों को दो वक्त की रोटी भी मयस्सर नहीं। दुखद पहलू यह भी है कि विश्व में पैदा किए जाने वाले खाद्य पदार्थो में से लगभग आधा हर साल बिना खाए सड़ जाता है। भारत में भी लाखों टन अनाज खुले में सड़ जाता है। भोजन की बर्बादी पर किए गए एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि भारत में विवाह-समारोहों में खाने की जबरदस्त बर्बादी होती है। समस्या सिर्फ खाना फेंकने की ही नहीं है, शादियों के भोजन में कैलोरी भी जरूरत से ज्यादा होती है। भारत में जहा कुपोषण की बड़ी समस्या है तो फिर जरूरत से ज्यादा कैलोरी वाला खाना खिलाना भी एक तरह की बर्बादी है। इन तमाम समस्यओं को दृष्टिगत रखते हुये भाजपा विधायक श्री शुक्ल ने आमजनों से अपील करते हुये कहा है की हमारा भारत कृषि प्रधान देश है फिर भी आधुनिकता के दौर में देश के 20 करोड़ लोगों को आज भी दो जून की रोटी नसीब नहीं होती है| उन्होंने मोटो अनाजों के पैदावार को प्रोत्साहित करते हुये उन्होंने खाद्यान्न को ख़राब होने से बचाने की अपील की है|