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Home सीधी दर्पण साक्षर भारत योजना चढ़ी भ्रस्टाचार की भेंट , करोड़ो की राशि खर्च के बाद सीधी जिले में साक्षरता का नतीजा जस का तस , योजना में लगा बिराम ,भारमुक्त नही हुऐ रामकृष्ण

साक्षर भारत योजना चढ़ी भ्रस्टाचार की भेंट , करोड़ो की राशि खर्च के बाद सीधी जिले में साक्षरता का नतीजा जस का तस , योजना में लगा बिराम ,भारमुक्त नही हुऐ रामकृष्ण

सीधी ( ईन्यूज एमपी )भार त सरकार द्वारा ग्रामीण छेत्रो मे निवासरत निरक्षर परिबार को साक्षर बनाने के लिए देश के अन्य राज्यो के साथ मध्य प्रदेश मे भी 5 बर्ष पूर्ब साक्षर भारत योजना लागू की थी।साक्षर भारत योजना के तहत सभी पंचायतों में 1 महिला व 1 पुरुष प्रेरको की नियुक्ति 2000 रूपिया प्रतिमाह के मानदेय पर निरक्षर परिबारो को साक्षर करने करने हेतु जनपद पंचायतों के माध्यम से की गई थी।

सीधी जिले में जिला साक्षरता प्रभारी सीनियरों व योग्यता को दरकिनार करते हुए पूर्ब से बिबादित छबि के ब्याख्याता रामकृष्ण तिवारी को बनाया गया था। तात्कालिक समय मे श्री तिवारी मध्यप्रदेश के बड़े व सरकार से जुड़े शिक्षा बिभाग के संगठन के जिला अध्यक्ष थे अध्यक्षीय रुतबा के कारण सभी बड़े बजटों को डकारते गये व पंचायत स्तर पर साक्षरता की स्थिति जस की तस दिख रही है। पूरे 5 साल तक करोड़ो की राशि खर्च करने के बाद कभी भी साक्षरता क्लास संचालित नही हुई और फर्जी तरीको से निरक्षरों की कॉपी प्रेरको व हेडमास्टर द्वारा लिख कर रिजल्ट बनाया जाकर सीधी जिले को कागजों में साक्षर कर दिया गया।

साक्षर भारत योजना को राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल का पत्र क्र/रा.सी.के. साक्षर भारत.07/2017/1430/भोपाल दिनांक 25/09/2017 के द्वारा दिनांक 30.09.2017 से सीधी जिले मे बंद कर दिया गया है सवाल यह है कि सीधी जिला मे योजना बंद हो चुकी है और सीधी जिला मे बिषय शिक्षकों की कमी होने के बाद भी फिर श्री तिवारी की प्रतिनियुक्ति या प्रभार समाप्त क्यो नही की गई।योजना बंद होने के बाद भी तिवारी जी अफसर बनकर बैठे है।तत्काल पूर्ब पदाकित शाला के लिये मुक्त किये जाने की मांग की गई है ।

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