सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- जिले में एकमात्र शासकीय कन्या महाविद्यालय है जिसमें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का अंबार बना हुआ हुआ है| जहां महाविद्यालय का पठन पाठन शून्य है वहीं महाविद्यालय में पुस्तकालय एवं वाचनालय की कोई व्यवस्था नहीं है| पुस्तकालय से छात्राओं को लगभग 5 वर्ष से पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं तथा महाविद्यालय में पत्र-पत्रिकाओं की कोई व्यवस्था नहीं की गई है| जबकि शासन के निर्देशानुसार महाविद्यालय में सभी प्रकार की पत्र पत्रिकाएं उपलब्ध होना अनिवार्य है| छात्राओं ने अपने समस्याओं को लेकर बताया कि प्राचार्य की तानाशाही रवैये के कारण महाविद्यालय का पठन-पाठन चिंता जनक है वही महाविद्यालय में कोई भी गतिविधियों का पालन नहीं किया जाता है| जहाँ शासन द्वारा हर माह व्यक्तित्व विकास का कार्यक्रम कराए जाने का निर्देश दिया गया है वहीं कन्या महाविद्यालय में वर्ष में एक बार कोरम पूर्ति कर ली जाती है| इस महाविधालय में छात्राओं के लिए पीने के पानी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है| खेल का मैदान छात्रावास संबंधी कई समस्याएं से कन्या महाविद्यालय जूझ रहा है| शासन की गई महत्वपूर्ण योजनाएं बेटियों के लिए चलाई जा रही हैं लेकिन कन्या महाविद्यालय में किसी भी प्रकार की योजनाएं छात्राओं में पहुँचने की देरी के कारण छात्राएं वंचित हो रही हैं| शासन की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और बेटी बढाओ सब महाविद्यालय में फ्लॉप दिखती है| इसलिए अब शासन-प्रशासन पर भी उंगली उठने लगी है| कन्या महाविद्यालय होने के नाते जल्दी कोई उंगली करने से हिचकिचाता है किंतु सच्चाई यह है कि प्राचार्य की अड़ियल रवैये के चलते इकलौता कन्या महाविद्यालय अपने मूल सिद्धांतों से भटक गया है| जरूरत है शासन प्रशासन के हस्तक्षेप कि जिससे इस महाविद्यालय को आदर्श बनाया जा सके तथा अपने मूल सिद्धांतों पर महाविद्यालय खरा उतर सके|