भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह ने प्रदेश की स्कूल शिक्षण संस्थाओं को आगाह किया है कि वे बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सजग रहें। अन्यथा बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाली शिक्षण संस्थाओं की मान्यता समाप्त किये जाने जैसी कठोर कार्रवाई की जायेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर शाह आज मंत्रालय में बच्चों की सुरक्षा के लिये किये गये उपायों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा, आदिम-जाति कल्याण और परिवहन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों की बसों में अनिवार्य रूप से महिला अटेंडर रखी जायें। एक अक्टूबर के बाद जिन बसों में महिला अटेंडर नहीं होगी, उनकी मान्यता समाप्त किये जाने जैसे निर्णय लिये जायेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सीबीएसई बोर्ड को मान्यता रद्द करने संबंधी पत्र लिखे जायेंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जन-शिक्षक अपने क्षेत्र के स्कूल का निरीक्षण करेंगे। ब्लॉक रिसोर्स सेंटर को-ऑर्डिनेटर अपने क्षेत्र के स्कूलों में सुरक्षा इंतजामों की नियमित समीक्षा करेंगे। कुँवर विजय शाह ने कहा कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिला शिक्षाधिकारियों के माध्यम से नियमित रूप से इसकी जानकारी लेंगे। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के कन्या छात्रावासों, कन्या शालाओं में चेन-लिंक फेंसिंग की करवाने का निर्णय लिया गया। बैठक में निर्देश दिये गये कि बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जाँच के लिये स्वास्थ्य कार्यकर्ता को नजदीक के स्कूल के मासिक भ्रमण के लिये स्वास्थ्य विभाग को लिखा जाये। बैठक में स्कूलों में अग्नि-शमन यंत्र की उपलब्धता और सुरक्षा की दृष्टि से दरवाजे-खिड़कियों की मरम्मत पर विशेष ध्यान देने के लिये कहा गया। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने स्कूलों में मौजूद सुरक्षा उपायों की जानकारी दी। प्रदेश में कक्षा-1 से 12 के एक लाख 60 हजार प्रायवेट और सरकारी स्कूल हैं। इनमें करीब एक करोड़ 62 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के करीब 500 छात्रावास संचालित हो रहे हैं। बैठक में आयुक्त लोक शिक्षण नीरज दुबे और आयुक्त आदिम-जाति कल्याण दीपाली रस्तोगी भी मौजूद थी।