सीधी enewsmp.com आखिरी कब तक होती रहेगी सीधी जिले में मानवता शर्मसार ,मानवता शर्मसार मामले को लेकर मीडिया कर्मी लगातार शासन प्रसासन को आगाह कर रहे है और इसके पहले भी आगाह करा चुके है,सीधी जिले में ये पहला मामला नही है बल्कि ऐसे 50 सो मामले सामने आ चुके है, कि नही मिली शव बाहन,उल्लेखनीय है अभी हाल ही में अमिलिया में भी हुई थी मानवता की शर्मसार,इसके वावजूद भी नही खुली जिला प्रशासन की आँख,सीधी जिले में अगर कोई घटना दुर्धटना या कोई किसी कारण बस सुसाइड या अन्य , किसी कारण अगर किसी की मौत होती है,अगर मृतक के शव पोस्टमार्डम कराने के लिये ले जाते है तब जिला प्रशासन के सुरक्षा व्यवस्था का पोल खुलता है,क्योकि मृतक के शव को पोस्टमार्डम के लिये मृतक के परिजनों को शव वाहन नही उपलब्धय कराया जाता है,बल्की उनपे प्रशासनिक दबाब बनाया जाता है कि शव का पोस्टमार्डम के लिये ले चलो ये आप की जिम्मदारी है,तब मृतक के परिजन बांस बल्ली या सायकल ,हाथ ठेले ,मोटर सायकल के साहारे शव ले कर 2 किलोमीटर नही बल्कि 10-10 किलोमीटर तक पैदल चल कर शव का पोस्टमार्डम कराने ले जाते है, क्या है पूरा मामला- महेश कोल निवासी अर्जुन नगर आज दोपहर लगभग 3:00 से 5:00 बजे के बीच दिल का दौरा पड़ने पर मौत हो गई मृतक के परिजन लाख प्रयास करने के बावजूद जब वाहन नहीं मिला तो.... परिजन बांस बल्ली के सहारे पोस्टमार्टम कराने के लिए 2 किलोमीटर पैदल चल कर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने से भरी बाजार में प्रशासन के नाक के नीचे बांस बल्ली के सहारे परिजन शव को मर्चुरी भवन तक ले गए।