सीधीenewsmp.com कलेक्टर अभय वर्मा ने आज जिले में चल रहे सड़क निर्माण कार्य के प्रगति की सघन समीक्षा करते हुये कहा कि सड़को का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण एवं निर्धारित समय पर करना सुनिचित करें। उन्होने कहा कि निर्धारित समय सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण न करने पर लागत बढ जाती है अतः समस्त एंजेसिया इस ओर गंभीरता से ध्यान दें। उन्होने कहा कि यदि संविदाकार समय पर कार्य पूर्ण नहीं करते तो उन्हे ब्लैक लिस्टेड कर भविष्य में निर्माण कार्य न दिया जाये। कलेक्टर व्दारा समीक्षा के दौरान बताया गया कि सीधी से सिगरौली तक 102 किलोमीटर लंबाई के सड़क निर्माण में सीधी में बायी तरफ 32 किलोमीटर में से 29.6 किलोमीटर में 2 लेन सड़क निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। 350 मीटर लबांई के पुल का निर्माण किया जाना है। सिगरौली की तरफ 73 किलोमीटर लबाई में से 27 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सीधी से सिगरौली सड़क निर्माण का टू लेन का कार्य जून तक पूर्ण कर लिया जायेगा। फोर लेन का कार्य दिसम्बर अंत तक पूर्ण होगा। इसी प्रकार रीवा से सीधी तक सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। गुढ में प्रस्तावित टनल का निर्माण कार्य शेष है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के प्रतिनिधि ने बताया कि विभाग व्दारा वर्ष 2016-17 के दौरान 20 सड़कों की स्वीकृत प्राप्त हुई है। इनका निर्माण कार्य पं्रारभ किया जाना है। 2 सड़क पुरानी हे। कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध नाराजगी व्यक्त की कि विभाग में अभी भी 2012-13 से लेकर अब तक स्वीकृत किये गये सड़क निर्माण कार्य लंबित पड़े है। इन पर विभाग व्दारा कोई ध्यान नहीं दिया गया । कलेक्टर ने कहा कि इन अपूर्ण पड़े सड़क के निर्माण कार्यो को शीध्र पूर्ण किया जाये। जल संसाधन सभाग के अधीक्षण यत्री पी.के.जैन ने बताया कि जिले में स्थित महान डैम में गेट लगाया जा रहा है। अतिरिक्त भूमि जो अधिग्रहीत की गयी है उसका मुआवजे का भुगतान करना है। महान मुख्य डैम का निर्माण कार्य को वर्ष 2019 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अमोरा डोल डैम के निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रांरभ कर दी गयी है। धारा 19 का प्रकान किया जा चुका है। धारा 21 का प्रकान कराया जाना है। कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रगति की समीक्षा करते हुये निर्दे दिये कि जिले में बंद पड़ी 114 नल -जल योजनायें तत्काल प्रांरभ करायी जाये। उन्होने कहा कि ग्रीष्म ऋतु चल रहा है। इसमें जहा गांव-गाव में पानी उपलब्ध कराना पी.एच.ई विभाग की प्रांथमिकता में होना चाहिये वहां विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धर कर बैठे हे और नल -जल योजना की ओर ध्यान नहीं दे रहे है यह आपत्ति जनक है। स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि विभागीय मद से जी.एन.एम. हास्टल का निर्माण 9 करोड़ 90 लाख रूपये की लागत से किया जा रहा है जबकि जी.एन.एम. टे्निग सेटर का निर्माण 5 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है। बैठक में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री राजाबाबू तखरैया,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री बी.एस.बारस्कर, आर.डी.सी.के जी.एम.प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास निगम और एल.यू.एन. के प्रतिनिधि और जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री पी.के.जैन उपस्थित थे।