सीधी (सचीन्द्र मिश्र)-जिले में इन दिनों गोपद नदी से मशीन के माध्यम से जमकर रेत की निकासी की जा रही है , वैश्विक महामारी के दौर में एक ओर जहां सरकार ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को रोजगार दिलाने की बात कह रही है तो वही खनिज माफिया अधिक लाभ के लालच में पुकलेन मशीन द्वारा दिनदहाड़े रेत की खुदाई कर रहे हैं, और जिम्मेदार अपने एक तथाकथित माफिया के मार्फत पार्टनर बने हुये हैं । बतादें कि अभी हाल ही में सैनिक फूड लिमिटेड कंपनी को 24 खदानों का ठेका राज्य सरकार द्वारा दिया गया है, जिसमें अभी सिर्फ और सिर्फ चार खदानों की ईसी सिया ने ट्रांसफर की है। लेकिन मजेदार बात यह है कि गैर सीमांकन गैर प्रकिया पूरी किये आनन फानन में रेत की खुदाई चालू कर दी गई है। वैसे महामारी को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा स्थानों में मजदूरों को रोजगार देने की बात कही गई है लेकिन धन की लालच में माफियाओं द्वारा नियम कायदों को दरकिनार कर प्राप्त खदान डोल क्रमांक 1 , 2 और भरुही निधिपुरी से रेत का मशीनों द्वारा युद्ध स्तर पर निकासी कर रहे हैं । गौरतलब है कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को दरकिनार कर संबंधित अधिकारियों से सांठगांठ कर तथाकथित रेतमाफिया द्वारा निकासी का कार्य किया जा रहा है यानी लगी बान छूटै नही के तर्ज पर दीवाली मनाने बाला माफिया यह भूल गया कि कि आखिर यह वही क्षेत्र है जब " दाढी " के आगे पीछे चक्कर लगाते थे । वहरहाल हैप्पी होली + दीवाली यह तेरे शब्द तेरे को उल्टा भारी पड़ेगें । ट्रांसफर ईसी के अनुसार सिया और सरकार के स्पष्ट आदेश है कि नदियों में मशीनें नहीं लगाई जाएंगी वहीं वर्तमान समय में सरकार भी महामारी को दृष्टिगत रखते हुए अधिक से अधिक स्थानों में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है बावजूद इसके रेत माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि इन तमाम बातों को दरकिनार कर रेत की निकासी में लगे हुए हैं जिसमें कहीं ना कहीं संबंधित विभाग भी दोषी है ...? आगे देखना होगा कि यंहा पर आखिर किसकी चलेगी ।