सीधी(ईन्यूज एमपी)-जिला परिवहन कार्यालय पर भाजपा की तरह ही वर्तमान सरकार भी काफी मेहरबान है,जिला परिवहन कार्यालय टकसाल की तरह है, जहाँ लम्बे अर्से से पदस्थ बाबुओ द्वारा नियम कायदों को दर किनार कर नोट छापने का काम किया जाता है, अधिकारी आते और जाते रहते है लेकिन बिगड़ी व्यवस्था को पटरी पर लाने के बजाय अधिकारी भी इन्ही के रंग में रंग जाते है, खुले शब्दों में कहे तो अधिकारी नही बाबू राज के हवाले है जिला परिवहन कार्यालय| बतादे कि परिवहन कार्यालय जहां से वाहनों का रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस व लायसेंस बनना चाहिए वहां से नोट छापने का कार्य किया जा रहा है अर्थात निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त सुविधा शुल्क की वसूली की जाती है और ये बाकायदा एक सिस्टम बन चुका है| परिवहन कार्यालय में समस्त कार्य एजेंटो के माध्यम से होते है, जिसका हिसाब किताब बाकायदा मिनी आरटीओ अर्थात यहां के बाबुओ द्वारा रोज के रोज की जाती है| नियम की बात करे तो सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क के लिए ऑनलाइन रसीद कटवाने के बाद अधिकारी द्वारा पास करवाकर आगे की कार्यवाही की जानी चाहिए लेकिन परिवहन कार्यालय में निर्धारित शुल्क के बाद भी पहले मिनी आरटीओ द्वारा मार्क किया जाता है, इसके बाद इनके द्वारा नियुक्त एक अन्य महाशय द्वारा उसका विवरण अपने रजिस्ट्रर में नोट किया जाता है तब जाकर आगे की कार्यवाही होती है और तो और कौन सा केश किस एजेंट द्वारा लाया गया है उसकी पहचान भी फाइल के साथ की जाती है जिससे वसूली में आसानी हो, और यदि कोई ऐसा व्यक्ति है जिससे अतिरिक्त राशि नहीं ली जा सकती तो उस परिस्थिति में उस पर अलग तरह के कोड का उपयोग भी किया जाता है जिससे दिक्कत न हो और पोल भी न खुले | बतादे की सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क से दो से तीन गुना ज्यादा राशि की वसूली परिवहन कार्यालय में की जाती है और वसूली की राशि अधिकारी से लेकर चपरासी तक निर्धारित अनुपात में बाटी जाती है,इसके आलावा तमाम तारा के फर्जी दस्तावेज जैसे ठाने का चरित्र प्रमाण पत्र,चिकित्सक की हेल्थ रिपोर्ट व मार्कशीट भी परिवहन कार्यालय के निचे तैयार की जाती है और बाबुओ द्वारा इसे सरलता से अनदेखा करते हुए सही साबित कर दिया जाता है , और सबसे चौकाने वाली बात ये है की यहां पदस्थ बाबुओ की आज तक बदली नहीं हुई अधिकारी आते है और चले जाते है लेकिन सिस्टम निरंतर बरकरार है,और तो और अधिकारी रहे या न रहे काम पर कोई असर नहीं पड़ता क्युकी मिनी आरटीओ व उनकी सेना स्वयं सक्षम है हर काम के लिए और इसका नतीजा ये है की आम आदमी लगातार लूटता जा रहा है|