सीधी(ईन्यूज एमपी)- प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में 2 फरवरी को पूर्वान्ह 10 बजे से अपरान्ह 4.30 बजे के बीच पालक-शिक्षक मीटिंग आयोजित की जायेगी। स्कूलों में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों के पालकों को मीटिंग में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। सचिव, स्कूल शिक्षा श्री शोभित जैन ने मीटिंग आयोजित करने के बारे में सभी जिला कलेक्टरों और स्कूल शिक्षा विभाग के मैदानी अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। शासकीय स्कूलों में पालक-शिक्षक मीटिंग आयोजित करने का मूल्य उद्देश्य पालकों को उनके बच्चे की शैक्षणिक जानकारी देना तथा स्कूल की अकादमी गतिविधियों से अवगत कराना और उनके सुझाव प्राप्त करना एवं बच्चों को प्रेरित कर शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए पालकों को जागरूक करना है। दो फरवरी को मीटिंग में निर्धारित समय के बीच पालकगण अपनी सुविधा के अनुसार भाग ले सकेंगे। मीटिंग में कक्षा शिक्षकों के द्वारा सभी पालकों से उनके बच्चों के संबंध में व्यक्तिगत चर्चा की जायेगी। प्रमुखत: विद्यार्थी की अर्धवार्षिक परीक्षा/प्रतिभा पर्व की कॉपियां पालकों को दिखाई जायेगी। और परिणाम की जानकारी देकर विद्यार्थी को किन विषयों में अभ्यास की अधिक आवश्यकता है, के संबंध में जानकारी दी जायेगी। विद्यार्थी की शाला में उपस्थिति की स्थिति की जानकारी भी पालकों के साथ साझा कर अनियमित विद्यार्थियों के पालकों को नियमित उपस्थिति के लिये प्रेरित किया जायेगा। पालकों से उनके बच्चे की शैक्षणिक एवं सह शैक्षणिक गतिविधियों में रूचि, कक्षा में प्रश्न पूछने एवं उत्तर देने की तत्परता आदि के संबंध में भी शिक्षक चर्चा करेंगे। इस दौरान शाला में संचालित होने वाली निंदानात्मक (रेमेडियल) कक्षाओं की जानकारी भी पालकों को प्रदान की जायेगी। साथ ही शिक्षक बच्चों के पालकों से उनके बच्चों की व्यक्तिगत आदतों, व्यवहार, कक्षा में अध्ययन आदि बिंदुओं पर भी व्यक्तिगत रूप से चर्चा करेंगे। पालकों से चर्चा उपरांत कक्षा शिक्षक द्वारा पालकों का उस विषय के शिक्षक से परामर्श भी करवाया जायेगा, जिस विषय में उनके बच्चे की उपलब्धियां स्तरानुकूल नही हैं। शिक्षक पालकों को बच्चों की पढ़ाई को ठीक तरीके से परखने के लिये मार्गदर्शन देंगे। कक्षा शिक्षक द्वारा बैठक का रिकार्ड संधारित किया जायेगा। शाला के प्राचार्य/प्रधानाध्यापक/संस्था प्रमुख भी इस अवसर पर पालकों से चर्चा के लिये उपलब्ध रहेंगे तथा अभिभावकों को सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय की मॉनिटरिंग हेतु प्रेरित करेंगे जिससे शिक्षण व्यवस्था में अभिभावक सहभागी बनें। इस दौरान राज्य शिक्षा केन्द्र के जिला प्रभारी अधिकारी भी अपने प्रभार के जिलों की शालाओं में शिक्षक अभिभावक मीटिंगों का निरीक्षण करेंगे। शासन के निर्देशानुसार ये मीटिंगे निश्चित अंतराल पर नियमित रूप से आयोजित की जायेंगी।