सीधी(ईन्यूज एमपी)-जिले के नवागत कलेक्टर अभिषेक सिंह ने अब जिले में चल रहे अवैध खनिज परिवहन पर आँखे टेढ़ी करनी शुरू कर दी है, अपने तेज तर्रत स्वाभाव व त्वरित निर्णय लेने के स्वाभाव के चलते आते ही लोगो की चर्चो में अपनी जगह बनाने वाले जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह ने कल सीधी टिकरी मार्ग पर रेत का परिवहन करने वाले नौ ट्रक को रोक कर खनिज अधिनियम के तहत कार्यवाही की है, और आगे भी रेत के गोरख धंधे पर अंकुश लगाने की बात कही है,हालांकि नये खनिज अधिनियम के तहत किसी को भी रास्ते मे रोक कर रेत लदे वाहनो को चेक करने का अधिकार नही है,फिर भी कलेक्टर साहब द्वारा कल वाहनो पर कार्यवाही की गई, जो उनके विवेक पर है क्योंकि वे डीएम है और नियमो को भलीभांति से जानते है तो इस पर ज्यादा कुछ कहना उचित नही होगा। जिले में चल रहे रेत के गोरख धंधे पर समय समय पर जिले में आने वाले सभी जिला प्रमुख अधिकारियो द्वारा कार्यवाही की जाती रही है लेकिन रेत का कारोबार करने वाले कही न कही से अपने हित का रास्ता निकल ही लेते है|जिले में आते ही ताबड़तोड़ कार्यवाही करने वाले जिला कलेक्टर ने कल अपने सीधी से टमसार की यात्रा के दौरान सीधी टिकरी मार्ग पर रेत से लादे संदिग्ध वाहनों को रोककर उनकी जांच की तथा कमी मिलने पर खनिज अधिनियम के तहत कार्यवाही की है| बतादे की रेत से लादे नौ ट्रको के विरुद्ध कल कलेक्टर सीधी द्वारा कार्यवाही की गई है साथ ही आगे भी अवैध खनिज पर कार्यवाही की बात की गई है ,लेकिन देखना ये होगा की लम्बे समय से रेत के लिए बदनाम सीधी जिले में नवागत कलेक्टर किस रणनीति के तहत रेत के अवैध धंधे पर अंकुश लगा पाते है क्योकी इनके पहले भी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व सोन घड़ियाल की सयुक्त टीम ने अवैध रेत परिवहन रोकने के लम्बे चौड़े दावे किये थे,लेकिन घर के भेदियो के कारण ये महज दावे ही रह गए जिले में धड़ल्ले से रेत का व्यापर चल रहा है| पंचायतो को आवंटित होने वाली रेत की खदानों से रेत माफिया जमकर प्रशासन के नियमो का मुंह चिढ़ा रहे है| गहराई से देखा जाये तो पंचायतो के नाम पर पर्दे के पीछे वही माफिया रेत के कारोबार में लिप्त है,जो पहले रेत की खुले आम चोरी करते थे,और तो और आवंटन के समय जारी नियम निर्देशो का खुले आम माखौल उडाया जा रहा है,खदानों में दिन में तो मजदूरों से रेत निकासी कराई जाती है, पर दिन ढलने के बाद ही मशीनों से रेत की निकासी शुरू हो जाती है जो सुबह तक जारी रहती है, वही एक टीपी पर दो से तीन बार रेत का परिवहन किया जाता है| जिले में रेत का व्यवसाय इस कदर घर कर चुका है की माफिया तो माफिया अधिकारी कर्मचारी तक इसके चपेट में है,पूर्व में रेत को लेकर अधिकारियो में आपसी मनमुटाव भी सामने आ चुके है,वही पुलिस व सोनघडियल के कर्मचारी भी आमने सामने आ चुके है,वही एक ओर जहां कई अधिकारियो पर रेत के व्यापर को संरक्षण देने का आरोप है तो वही कई पुलिस के अधिकारियो कर्मचारियो के ऑडियो भी वायरल हो चुके है,और तो और कई अधिकारी वर्तमान में भी परदे के पीछे से रेत के कारोबार में लगे हुए है,अब इस स्थित में माननीय कलेक्टर महोदय का यह रौद्र रूप कितना सुधार ला पता है यह देखने का विषय है क्योंकि जिले में वैध रेत के कारोबार के पीछे रेत माफियाओ का अवैध खेल चल|