सीधी(सचीन्द्र मिश्र)- भाजपा की पहली सूची जारी होने के साथ ही जिले के एक वर्ग मे असंतोष की झलक उभरने लगी है,हालांकि भाजपा की जारी सूची मे पुराने चेहरो को ही दोहराया गया है,लेकिन कही न कही एक वर्ग विशेष को जगह न मिलने से असंतोष स्वाभाविक है,और भाजपा की वर्तमान समीकरण पर नजर डाले तो कही न कही इस वर्ग का असंतोष जायज है,और आमजन के साथ साथ इस वर्ग को संतुष्ट करने व आसंतोष के स्वर को मुखर होने से रोकने के लिये भाजपा बची हुई सिहावल सीट पर कही न कही इस वर्ग को प्रतिनिधित्व सौप सकती हैं। भाजपा की जारी पहली सूची मे जातीगत संतुलन की छवि प्रभावी रूप से उभर कर सामने आई है,वही इस बार जो पहली सूची जारी हुई है उसमें सिहावल विधानसभा से किसी भी प्रत्याशी का नाम अभी पार्टी द्वारा स्पष्ट नहीं करने से एक वर्ग खासा नाराज है ,राजनीतिक गलियारों में इस समय चर्चा व कयसो का बाजार गर्म है कि कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने के लिये भाजपा अपना क्षत्रिय कार्ड खेल सकती है| चूंकि सिहावल विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ है और इसको भेद पाने मे अब तक विश्वामित्र के अलावा किसी को सफलता नही मिली है,जिसके कारण पूर्व प्रत्याशी विश्र्वामित्र के नाम को पार्टी द्वारा दोहराने की आसंका थी,लेकिन गौर करे तो सिहावल से टिकट मागने वालो मे ब्राह्मण नेताओं की लंम्बी कतार है,वही भाजपा की पहली सूची के जारी होने व भाजपा के जातिगत समीकरण के मंद्देनजर अब कही न कही क्षत्रिय य पिछडा वर्ग को इस सीट से उतारने पार्टी जातिगत समीकरण को संतुलित कर सकती है। आपको बता दें सीधी जिले के जिन तीन सीटो पर भाजपा ने टिकट वितरण किया है उसमें सीधी व चुरहट से ब्राम्हण जबकि धौहनी से आरक्षित सीट पर पुराने आदिवासी प्रत्याशी को जगह दी है,जिसके बाद गौर करे तो सामान्य वर्ग से छत्रिय उम्मीदवार व पिछडा वर्ग को अभी तक भाजपा ने कही जगह नहीं दी है,वही जिले मे अभी तक चुरहट की पुस्तैनी सीट के अलावा क्षत्रिय वर्ग को दोनो ही प्रमुख राजनैतिक दलो ने किनारे रखते हुये है, इन्हे प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया है ,जिसके कारण कायस लगाये जा रहे है कि भाजपा सिहावल से इन्हे मैदान मे उतार सकती है,और नाराज वर्ग को संतुष्ट करने की कवायद कर सकती है।