सीधी(सचीन्द्र मिश्र)-प्रदेश मे चल रही चुनावी सरगर्मी से सीधी जिला अछूता नही है,जिले की चार विधानसभा सीटो मे से दो पर भाजपा और दो पर कांग्रेस का कब्जा है,पर वर्तमान मे आगामी चुनाव मे प्रत्याशी चयन के लिये दोनो ही दलो मे उहापोह की स्थिति है,हा यह बात अलग है कि कांग्रेस मे विरोध कम है,वर्तमान मे दो सीटो पर काग्रेस का कब्जा है और इन सीटो पर उम्मीदवार लगभग तय है,हां भाजपा से सीट हथियाने के लिये जरूर आज उम्मीदवार दिल्ली में तय किये जायेगे। लेकिन वर्तमान मे देश के आधे से अधिक राज्यो मे सरकार चला रही भाजपा मे जिले के अंदर आपसी घमासान चल रहा है,सीटें तो केवल चार ही है लेकिन धौहनी को किनारे कर देखे तो हर सीट से खुद को उम्मीदवार बताने व दिखाने वालो की लंम्बी कतार है। प्रदेश व देश मे वर्तमान सरकार की स्थिति किसी से छुपी नही है,और कई विपक्षी इसी ताक मे है कि कब सत्ता का घडा़ भाजपा के हाथ से छूटे,लेकिन इन सब बातो से इतर भाजपाई केवल टिकट की चाह मे है,पार्टी हारे या जीते इससे कोई सरोकार नही। बात करे सीधी के चुरहट की तो विगत तीन चुनावो के परिणाम भले ही प्रदेश भर मे भाजपा के पक्ष मे रहे हो लेकिन भाजपा अजय सिंह को परास्त करने लायक उम्मीदवार का चयन नही कर पाई है। अब देखना है वर्तमान चुनाव मे भाजपा चुरहट सीट मे संघर्ष करती है या अजय सिंह को उपहार मे दे देगी। विधानसभा सीधी मे भाजपा के झंडे को विपरीत परिस्थितियों मे भी थामे रखने वाले भाजपा के कद्दावर नेता पंडित केदारनाथ शुक्ल जिले की विधानसभा सीधी मे काग्रेस को खदेड़ने मे हर बार सफल रहे है,लेकिन वर्तमान मे भाजपा से इनके टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति चल रही है।जिले मे बात करे सर्वमान्य नेताओं की तो भाजपा से गोविंद मिश्रा व केदारनाथ शुक्ला ही दो ऐसे नाम है जिन्हे औसतन हर वर्ग बहुतायत मे स्वीकार करते है,और अगर आज भाजपा हाईकमान ने टिकिट से वाहर का रास्ता दिखाया तो फिर सपाक्स या फिर अन्यदलों के हौंसले बुलंद हो सकते हैं । सोमवार को राजधानी भोपाल में सीएम शिवराज और अन्य संगठन के पदाधिकारियों के साध सीटों के चयन को लेकर हुये मंथन के बाद केदारनाथ शुक्ल के टिकिट काटे जाने के खबर की चिंगारी सीधी ही नही समूचे विंध्य में छाई है । वहरहाल आज दिल्ली स्थिति केन्द्रीय चुनाव समिति के समक्ष क्या निर्णय सामने निकल के आता है सब्र करने की जरूरत है ।