सीधी( सचीन्द्र मिश्र)इन दिनों टिकिट को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही मारामारी को लेकर दोनों प्रमुख दलों के नेता राजधानी भोपाल में डेरा डाले हुये हैं । बीजेपी द्वारा कराये गए सर्वे ने उसका सारा गणित ही बिगाड़ दिया है| पार्टी द्वारा कराये गए सर्वे के बाद जो बात सामने आयी वह हैरान करने वाली थी| सर्वे के अनुसार 67 से अधिक विधायक ऐसे हैं जो अब चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं, जिसके चलते पार्टी ने कमजोर परफॉरमेंस वाले विधायकों के टिकट बदलने के संकेत दे दिए हैं। इस जानकारी मीडिया में आने के बाद प्रदेशभर में हलहल मच गयी, सभी विधायक अपने नामों को लेकर चिंतित देखे गए| लेकिन अगर बात की जाये सीधी जिले के विधानसभा सीटों की तो यहाँ स्थित सामान्य रही| सूत्रों की मानें तो सीधी और धौहनी से भाजपा विधायकों को लेकर की जा रही माथपच्ची के हल निकाल लिये गये हैं , संगठन सूत्रों की माने तो अब टिकिट को लेकर कोई नाराजगी नहीं है । जबकि जिले के चुरहट और सिहावल में पार्टी किसी रिस्क के मूड में नजर नहीं आ रही है| सूत्रों के अनुसार पार्टी ने चुरहट और सिहावल में उम्मीदवारों के लिये एक स्पेशल टीम बनाई है जिसके रिपोर्ट के आधार पर टिकट दिया जायेगा| चुरहट में 2 उम्मीदवारों के नाम तो सिहावल में 3 उम्मीदवारों के नामों के पैनल बनाये गये हैं । मंथन के बाद जल्द ही चेहरों को सामने लाया जा सकता है | इन क्षेत्रों में उन्ही उम्मीदवारों पर पार्टी दांव खेलेगी जिनकी जमीनी पकड़ सबसे बढ़िया होगी| आपको बता दें बीजेपी द्वारा कराये गए सर्वें में बताया गया था कि 67 से अधिक विधायक ऐसे हैं जो अब चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। कई विधायकों के बारे में सर्वे रिपोर्ट में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने, मुलाकात नहीं करने सहित कई तरह की शिकायतें भी प्राप्त हुई थीं। सत्ता और संगठन पिछले डेढ़ साल से इन्हें कामकाज सुधारने की सलाह दे रहा था। बार-बार उनसे कहा गया था कि कार्यकर्ता नाराज रहेंगे तो आप किसके भरोसे चुनाव लड़ोगे। इसके बावजूद विधायक अपना परफॉरमेंस नहीं सुधार पाए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जिन विधायकों के टिकट काटे जा रहे हैं, उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट से काफी पहले अवगत करा दिया गया था। रिपोर्ट में एक-एक वर्ग से लेकर वार्ड-मोहल्ले और गांव में विधायक के कामकाज और कार्यकर्ताओं के साथ उनके समन्वय सहित आम जनता की नजर में उनकी छवि का बिंदुवार उल्लेख किया गया है। लेकिन जिले के दोनों भाजपा विधायकों की टिकिट की मारामारी का खेल अब फाइनल मोड़ पर है ।