सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में वैसे तो संबल योजना के तहत श्रमिकों और गरीब परिवारों के बिल माफ करने के आदेश दिए थे लेकिन प्रदेश के सीधी जिले सहित कई हिस्सों में कर्मचारियों ने पैसे लेकर इसमें जमकर धोकाधड़ी करते हुए आपत्रों के भी बिल माफ़ करवा दिए। अब कुछ दिनों बाद लगातार ऐसे संदेही उपभोक्ता सामने आ रहे हैं, जिन्हें गलत कागजों के आधार पर गलत तरीके से लाभ दिया गया है। इस प्रकार की धोकाधड़ी सीधी में भी जमकर हुयी है जहाँ दुसरे के श्रमिक कार्ड पर दुसरे उपभोक्ताओं को लाभ दिया गया है| सीधी जिले में विजली विभाग के अधिकारीयों ने आपात्र उपभोक्ताओं से पैसे लेकर पात्रों की समग्र आईडी और श्रमिक कार्ड को फर्जी तरीके से दर्ज कर जमकर अपनी जेबें भरी हैं, अधिकारीयों के इस हरकत से सरकार और बिजली कंपनियों को लाखों करोड़ों का चूना लग चूका है| अगर सीधी में इस मामले की जाँच की जाये तो निश्चित ही ऐसे हजारों मामले सामने आयेंगे जिसमें आपत्रों को लाभ दिया गया है, जबकी जिस दस्ताबेज से उन्हें लाभ देने की बात कही गयी है वह टोटल ही फर्जी और गरीब श्रमिकों के हैं, जांच में अधिकारीयों के काले कारनामे तो सामने आयेंगे ही साथ ही शासन के खजाने से जो करोड़ों का वारा न्यारा हुआ है वह भी जरूर उजागर होगा| इस मामले में जरुरत है प्रशासनिक जांच की जिससे गरीबों के नाम पर अमीरों को पहुंचाए गए लाभ का खुलासा हो सके साथ ही उन अधिकारीयों को जो दोषी हैं उनके किये की सजा मिल सके, जांच में लाखों करोड़ो के घोटाला सामने आ सकता है| आपको बता दें सीधी जिले के हर हिस्सों से राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक संबल योजना में हजारों- लाखों लोगों ने अपने बिल माफ कराने के लिए कंपनी को आवेदन दिए थे। इसकी एक निर्धारित प्रकिया थी, जिसमें सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध होने पर ही उपभोक्ता को योजना का लाभ मिलना था। अधिकारियों के आईडी पासवर्ड का दुरुपयोग कर कुछ आउट सोर्स कंपनी के कर्मचारियों ने बड़ी गड़बड़ियां कर कंपनी को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। इस योजना के तहत सीधी में जो पात्र नहीं थे उन्ही उपभोक्ताओं को फर्जी तरीके से श्रमिक कार्डधारी और बीपीएल कार्ड धारी दर्शाया गया है, लेकिन हकीकत में जो श्रमिक कार्ड और बीपीएल कार्ड हैं। वे किसी दूसरे के नाम पर हैं। प्रदेश के मुरैना में तो गड़बड़ी के ऐसे पहले 197 उपभोक्ताओं के नाम सामने आए थे और अब फिर 221 नए संदेही बिजली कंपनी को मिले हैं। जिन्होंने कर्मचारियों से मिलीभगत कर 2 करोड़ रुपए तक के बिल माफ करवा दिए हैं। कंपनी को जांच में कुछ आउट सोर्सिंग कंपनी के कर्मचारियों की वॉयस रिकॉर्डिंग भी मिली हैं, जिससे यह मिलीभगत साफ हुई है। यहाँ करीब 15 दिन पहले कंपनी को 197 ऐसे लोग मिले थे, जिन्होंने मुरैना के बाहर के वितरण केंद्रों के आईडी पासवर्ड से लाभ लिया था। इसके बाद कंपनी ने 7 दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की थी। इसके बाद पुलिस को कंपनी ने एफआईआर के लिए आवेदन भी दिया था। इसके बाद कंपनी का शक और गहराया। 113 लोग ऐसे जिनके पास न बीपीएल न श्रमिक कार्ड- मुरैना जिले में कंपनी को जांच में 113 ऐसे संदेही मिले हैं, जिन्हें संबल योजना के तहत 68 लाख 60 हजार रुपए के बिल माफी का लाभ मिला है। योजना में इन उपभोक्ताओं को ही श्रमिक कार्डधारी और बीपीएल कार्ड धारी दर्शाया गया है, लेकिन हकीकत में जो श्रमिक कार्ड और बीपीएल कार्ड हैं। वे किसी दूसरे के नाम पर हैं।