सीधी/पथरौला (ईन्यूज एमपी)-जिले के पडोसी राज्य छत्तीसगढ़ की सीमा लांघकर मध्यप्रदेश के कुशमी अंचल के जंगलो में पहुंचे जंगली हाथियों के झुण्ड ने बीती रात पुनः ताण्डव मचाते हुए कहर बरसाया और आधा दर्जन ग्रामीण आदिवासियों के खपरैल आसियाने को धरासाई कर दिये। साथ ही घरों के अन्दर रखे अनाज आदि को चबाकर अपनी भूख शान्त किया और जमकर खडी फसलें रौदा। बताया जा रहा है कि हाथियों का ये झुण्ड अभी भी कुशमी अंचल के ग्राम पंचायत कुन्दौर से लगे जंगलों मे डेरा जमाये हुये हैं। बताया गया कि हाथियों का ये झुन्ड गाँव से महज दो किलोमीटर की दूरी पर जंगल में स्थाई अड्डा जमाये हुए हैं। जिससे दिन भर ग्रामीण दहशत मे रहते हैं तथा शाम होते ही सैकडों लोग संजय टाईगर रिजर्व के कर्मचारियों के साथ एकत्रित होकर उनके दिशा निर्देश के मुताबिक हाथियों से बचने का प्रयास करते हैं। लेकिन ग्रामीणों की बात पर गौर किया जाय तो इन हाथियों को सैकडों इन्सानों को देखकर भी कोई फर्क नहीं पडता लिहाजा गजराज अपने मंसूबे पर कामयाब हो जाते हैं तथा गजराजों के झुण्ड को देखकर गांव में भगदड सी मच जाती है। हलांकि अभी तक हाथियों ने जन हानि नहीं की है। लेकिन नकारा भी नहीं जा सकता है। स्कूलों मे कर दी गई छुट्टी:-कुन्दौर के घने जंगलो मे हाथियों का डेरा तथा गांव मे इनके उत्पात को देखते हुए जिला कलेक्टर के आदेश पर कुन्दौर की सभी प्राथमिक, माधयमिक व हाईस्कूल में अवकाश घोषित कर दिया गया है। सोमवार को सभी स्कूले बंद रही। खाक छान रहा वन अमला:-विदित हो की हाथियों का यह झुन्ड 4 अगस्त को सुबह तकरीबन 10 बजे मबई नदी पार कर मध्यप्रदेश की सीमा मे प्रवेश किया था। और तकरीबन 55 घंटे से गांव के करीब डेरा जमाये हुए हैं। ग्रामीणो का नुकसान भी हुआ लेकिन संजय टाईगर रिजर्व के आला अधिकारी अभी भी खाक छान रहे है। लिहाजा परिक्षेत्र सहायक लक्ष्मण प्रसाद दुबे चंद बीटगार्ड जिनमें रामलल्लू सिंह, सरिता सिंह, व साधूलाल सिंह के साथ मोर्चा संभाले हुए है। तथा पूरी रात रतजगा कर किसी भी अप्रिय घटना होने से ग्रामीणों को बचा रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से विभाग द्वारा उन्हें महज पटाखे उपलब्ध कराये गये हैं। उन पटाखों को भी बिना उच्चाधिकारियों के आदेश फोडा नहीं जा सकता है। ऐसा लगता है कि आला अधिकारियों को किसी अनहोनी का इन्तजार है। अन्यथा रेसक्यू टीम बुलाकर हाथियों को प्रदेश की सीमा से बाहर खदेडना चाहिए था। किन्तु ऐसा न करते हुए जिम्मेदार तमासबीन बने हुए हैं। साथ ही ग्रामीणो को राशन आदि लेकर अन्यत्र किसी पक्के सरकारी भवन मे रहने की सलाह दे रहे हैं। बता देंं की बीते 4 अगस्त को पडोसी राज्य के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जनकपुर रेन्ज से पांच हाथियों का झुण्ड मबई नदी पार कर मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश किया था। और तब से यह झुण्ड कुन्दौर के जंगलों मे दिन भर धमाचौकड़ी करता है। और शाम ढलते ही गांव का रुख करते हैं तथा जमकर उत्पात भी मचाते हैं। जिससे ग्रामीणों काफी दहशत देखी जा रही है। दूसरी रात ये हुए प्रभावित:-शिवचरण सिंह पिता शोनसाय सिंह, लक्षिमन सिंह पिता दधिबल सिंह, दलप्रततप सिंह पिता हीरा सिंह, गम्भीर सिंह पिता रामलाल सिंह, प्रेमवती सिंह पति रामलखन सिंह का खपरैल माकान ध्वस्त कर दिये तथा अनाज आदि खा गये। साथ ही खडी फसलों का भी नुकसान हाथियों ने किया है। अभी आठ हाथियों का एक झुन्ड छत्तीसगढ़ की सीमा पर बिचरण कर रहे हैं। जो इसी झुन्ड का हिस्सा हैं। ये जनकपुर के जंगलों से अलग हो गये थे। उस झुन्ड के भी मध्यप्रदेश में आने की संभावना जताई जा रही है।