सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- दिनांक 06 नवम्वर 2011 को सुखलाल पाल निवासी बरौं के साथ राजकुमार पाल पिता रामगोपाल पाल उम्र 38 वर्ष निवासी बरौं थाना रामपुर नैकिन द्वारा मारपीट की गयी थी| जिसका कारण आरोपी की बकरियां पीड़ित द्वारा भरकर रखा गया पानी पी गई थी। मना करने पर व पूछताछ करने पर आरोपी लाठी लेकर आया और फरियादी से मारपीट करने लगा जिससे फरियादी का पैर टूट गया व अन्य जगह चोटें आईं, जिसके संबंध में फरियादी की शिकायत पर थाना रामपुर नैकिन में एफ.आई.आर. पंजीबद्ध की जाकर विवेचना उपरान्त भादवि की धारा 325 में अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिससे संबंधित न्यायालयीन प्रकरण में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए प्रेमनाथ पाण्डेय सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रामपुर नैकिन द्वारा आरोपी को दोषी प्रमाणित कराया गया, परिणामस्वरूप न्यायालय कमलेश कुमार कोल न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रामपुर नैकिन द्वारा आरोपी को भादवि की धारा 325 में दोषी पाते हुए एक वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000/- रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदंड की राशि में से 500/- प्रतिकर का निर्देश दिया गया। 2: एक दुसरे मामले में दिनांक 29.09.2010 को सुबह 10:00 बजे सार्वजनिक स्थल पर ग्राम मटिहनी पुलिस थाना बहरी फरियादी मुन्ना साहू के साथ आरोपी रामसजीवन साहू एवं गुलाब साहू ने सामान्य आशय के अग्रशरण में अश्लील गाली गलौच करते हुए घोर उपहति कारित किये। जिसके संबंध में फरियादी की शिकायत पर थाना बहरी में एफ.आई.आर. क्र. 323/10 पंजीबद्ध की जाकर विवेचना उपरान्त भादवि की धारा 294, 323, 506, 325/34 में अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिससे संबंधित न्यायालयीन प्रकरण 1718/10 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए रीना सिंह सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सीधी द्वारा आरोपियों को दोषी प्रमाणित कराया गया, परिणामस्वरूप न्यायालय अभिषेक कुमार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सीधी द्वारा आरोपियों को भादवि की धारा 325/34 में दोषी पाते हुए न्यायालय उठने तक की सजा एवं 2000-2000/- रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। 3: इसके अलावा एक अन्य मामले में दिनांक 30.08.2007 को समय दोपहर 01:00 बजे ग्राम चरकी वन कक्ष क्र. 1197 एवं 1192 में आरोपीगण रामलल्लू गुप्ता पिता रामबहोर गुप्ता, जयराम बैगा बगैरह अन्य 07 ने विधि विरूद्ध जमाव एवं फरियादी अरूण प्रताप सिंह एवं अन्य कर्मचारीगण जो कि लोक सेवक के पद पर वन कक्ष चरकी में पदस्थ थे, अतिक्रमण की कार्यवाही रोकने में भयकारित कर उनके कर्तव्य में बाधा डालकर मारपीट कर स्वेच्छया उपहति कारित की, जिसके संबंध में फरियादीगण की शिकायत पर थाना मझौली में एफ.आई.आर. क्र; 298/07 पंजीबद्ध की जाकर विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिससे संबंधित न्यायालयीन प्रकरण क्र. 20/08 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए गोपालजी सिंह एवं घनध्याम प्रजापति ने सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मझौली द्वारा आरोपीगण को दोषी प्रमाणित कराया गया, परिणामस्वरूप न्यायालय मुनेंद्र सिंह वर्मा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मझौली द्वारा आरोपीगण को दोषी पाते हुए एक-एक वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000-1000/- रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।