पथरौला/सीधी (ईन्यूज यमपी):-सरकार द्वारा गरीबों को दी जाने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना ने कई लोगों के घर के सपने को साकार किया। गरीबों के अलावा मध्यमवर्गीय लोग भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। वैसे तो इस जनहितकारी योजना की जितनी प्रसंशा की जाय कम है। किन्तु इसके क्रियान्वयन को लेकर जो दूसरा पक्ष सामने आ रहा है वास्तव मे वह चिन्तित करनें वाला है। जिले के कोने कोने से इस योजना के किस्तें अटकने की व आवास के लिए रिश्वत की डिमांड की आ रही खबरें निश्चित ही चिन्ता का बिषय बनी हुई हैं। कहीं किस्त के अभाव मे मुनियाद तक निर्माण करवा कर काम बंद है तो कही किस्त के अभाव मे छत नहीं पडा तो कहीं मजदूरी भुगतन नहीं होने के कारण आवासों मे खिडकी दरबाजा नहीं लग पाया तथा फर्श भी नहीं बना। ऐसा ही मामला प्रकाश मे आया है आदिवासी बाहुल्य जनपद पंचायत कुशमी अन्तर्गत ग्राम पंचायत बस्तुआ का जहां तकरीबन आधा दर्जन गरीब आदिवासियों के आवास का मजदूरी भुगतान नहीं होने से घरों मे खिडक़ी, दरवाजा सहित जमीन मे फर्स भी नहीं बना। लिहाजा बरसात के मौसम मे दिक्कतों का सामना करना पडेगा। ग्रामीणों द्वारा बताया गया की हम लोगों ने अपना कच्चा माकान ध्वस्त कर आवास निर्माण तो करवा लिए। लेकिन रोजगार सहायक शन्तोष पाठक द्वारा मजदूरी के भुगतान के लिए चार माह से गुमराह किया जा रहा है। बताया गया अपने आवास मे परिवार के लोग मिलकर काम किये थे ताकी मजदूरी का पैसा बचाकर उसी आवास मे लगा देगें तो और बेहतर निर्माण हो जायेगा। किन्तु आवास का निर्माण तो हो गया पर मजदूरी भुगतान रोजगार सहायक द्वारा अटका दी गई। लिहाजा बिना खिडक़ी दरवाजा के ही निवास करना मजबूरी सी बन गई है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर दिलीप कुमार का ध्यान आकृष्ट कराते मजदूरी भुगतान करवाये जाने की गुहार लगाई है।