सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- कलेक्टर दिलीप कुमार ने आदेश जारी किया है कि म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत आवेदन पत्रों को पदाभिहित/अपीली अधिकारी द्वारा समय-सीमा में निराकरण नही किये जाने के कारण शास्ति अधिरोपित किया गया है। नायब तहसीलदार सेमरिया तहसील गोपद बनास के 06 आवेदन पत्रों का समय-सीमा में नही निराकरण करने पर अपील प्राधिकारी द्वारा कारण बताओ नोटिस देकर जवाब चाहा गया था। लेकिन समय पर जबाव प्रस्तुत नही किया गया जिस कारण से 06 आवेदन पत्रों का निराकरण न करने पर 250 रूपये प्रतिदिन के मान से कुल 1500 रूपये शास्ति अधिरोपित की गई है। सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि चालान द्वारा तीन दिवस के अन्दर लोक सेवा केन्द्र में जमा करना सुनिश्चित करें। अधिरोपित राशि सम्बन्धित हेड में जमा नही किया जायेगा तो उनके वेतन भुगतान नही किया जायेगा। राशि जमा न होने पर आहरण संवितरण अधिकारी दोषी होगें। इसी प्रकार तहसीलदार कुसमी के एक आवेदन पत्र का निराकरण न करने पर 750 रूपये, नायब तहसीलदार वृत्त पोडी तहसील कुसमी के 7 आवेदन पत्रों पर तीन हजार रूपये, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत रामपुर नैकिन एक आवेदन के लिए 250 रूपये, विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी सिहावल को एक आवेदन पत्र कुल 4 दिवस विलम्ब होने पर 1000 रूपये, विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी कुसमी के एक आवेदन पत्र पर 9 दिन विलम्ब होने के कारण 2250 रूपये, तहसीलदार बहरी के तीन आवेदन पत्रों पर 3000 रूपये शास्ति के रूप में जमा करने का निर्देश दिया गया है।