सांसद ने जिला अस्पताल को ब्लड सेपरेषन यूनिट दान करने की घोषणा की सीधीenewsmp👉सीधी - सिगरौली संसदीय क्षेत्र की सांसद रीती पाठक ने आज जिला अस्पताल के ब्लड डोनेशन यूनिट मेंं संत निरंकारी चेरेटेबल ट्स्ट व्दारा आयोजित रक्तदान शिविर का शुभारंभ करते हुये कहा कि सामाजिक संस्थायें,आम नागरिक,महाविद्यालय के एन.सी.सी. एवं एन.एस.एस.के युवा युवतिया इसी से रक्तदान शिविरों का आयोजन ंकरें। रक्तदान बहुत बडा दान है आपके रक्तदान से किसी जरूरत मंद व्यक्ति का जीवन बच सकता है। आकस्मिक दुर्घटना के दौरान,गंभीर बीमारी के समय तुरंत रक्त की आवश्यकता पड़ती है। यदि अस्पताल के ब्लडबैक में रक्त ही नहीं होगा तो उस व्यक्ति को कहां से दिया जायेगा। जिला अस्पताल में रक्त न होने की मजबूरी में बीमार को रीवा मेंडिकल कालेज भेजा जाता है और कभी-कभी उसकी मृत्यु तक हो जाती है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बीमार के साथ आने वाले रिश्तेदार तक ब्लड देने के नाम पर बंगले झाकने लगते है। यह गलत है । ब्लड दान करने से शरीर में कुछ नहीं होता । यदि हम किसी की सहायता कर सकते है तो आवश्यक रूप से करना चाहिये। इससे पूर्व सांसद पाठक ने जिला अस्पताल को ब्लड सेपरेशन यूनिट दान करने की घोषणा की। सासद पाठक खराब रिजल्ट आने पर हताश होकर विषपान करने वाली युवती को महिला वार्ड में जाकर सात्वना दी तथा मेंल वार्ड में दो छात्रों को भी सात्वना प्रदान की। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व्ही.बी.सिंह, सिविल सर्जन डा.डी.के.व्दिवेदी, डा.गुप्ता, सतं निरकारी चेरेटेबिल ट्स्ट के संयोजक रमेश अगनानी,कार्यकर्ता और रक्तदाता उपस्थित थें। सांसद पाठक ने कहा कि संत निरकारी समाज व्दारा समाज सेवा के कार्य किये जाते है। संस्था व्दारा वर्ष 2016 में 80 हजार 560 यूनिट रक्तदान किया गया था। इनके व्दारा वृक्षारोपण अभियान और स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। आज आयोजित रक्तदान शिविर में सिहावल,बरमबाबा एवं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से कार्यकर्ता रक्तदान ंकरने आये है। शिविर में कुल 93 लोगो का पंजीयन किया जा चुका है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. सिह ने कहा कि सीधी जिला ब्लड के मामले में हाईपावर रिस्क में आता है। ब्लड की कमी के कारण यहां की गर्भवती मातायें आसामायिक रूप से कलवित हो जाती हे। अप्रैल माह में तीन गर्भवती माताओं की मृत्यु ब्लड की कमी के कारण हुई है। यदि गर्भवती माता को रक्त की कमी है तो जन्म लेने वाले नवजात शिशु को भी ब्लड की कमी होगी। सिविल सर्जन डा. डी.के.व्दिवेदी ने कहा कि सीधी जिले में साधारणतया खून की कमी पायी जाती है। रक्त का कोई विकल्प नहीं है। गभीर बीमारी पर रक्त देना पड़ता है। ब्लड बैंक में रक्त की कमी के कारण गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को बचा नहीं पाते। यदि तत्काल रक्त मिल जाता है तभी बीमार को बचाया जा सकता है। उन्होने कहा कि आगे चलकर ब्लड डोनर वालियन्टर की सूची बनायी जायेगी ताकि रक्त दान करने के लिये उसे बुलाया जा सके। डा. व्दिवेदी ने कहा कि ब्लड डोनेट करने में कोई परेशानी नहीं होती । कोई भी 18 वर्ष से 55 वर्ष तक के व्यक्ति अपना रक्तदान कर सकते है। रक्तदान करने वाले व्यक्ति का वजन 45 वर्ष से उपर होना चाहिये। 90 दिवस के अन्तराल के बाद पुनःरक्तदान किया जा सकता है। निगेटिव ग्रुप का ब्लड बहुत कम पाया जाता है अतः इस गु्रप के व्यक्तियों को अपना रक्तदान करना चाहिये।