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Home सीधी दर्पण सीधी -दुष्कर्म के आरोपियों को 20-20 वर्ष की सजा एवं जुर्माना.....

सीधी -दुष्कर्म के आरोपियों को 20-20 वर्ष की सजा एवं जुर्माना.....

सीधी (ईन्यूज एमपी)-माननीय तृतीय अपर सत्र न्‍यायालय सीधी द्वारा विचारण उपरांत थाना रामपुर नैकिन के नाबालिग से सामूहिक बालात्‍कर के जघन्‍य एवं सनसनीखेज मामले में आरोपीगण राजेश गुप्‍ता पिता मोहनलाल गुप्‍ता उम्र 33 वर्ष निवासी ग्राम बरौ एवं अजय गुप्‍ता पिता जगदीश गुप्‍ता उम्र 25 साल निवासी सेमरिया थाना रामपुर नैकिन जिला सीधी को 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 रू अर्थदंड से दण्डित करने का निर्णय पारित किया गया।
मीडिया सेल प्रभारी कु. सीनू वर्मा द्वारा बताया गया कि फरियादिया द्वारा थाना रामपुर नैकिन में उपस्थित होकर इस आशय की लिखित शिकायत की गई कि दिनांक 02/10/2021 को रात के करीब 08:00 बजे ग्राम बरौ में जब वह पानी लेने घर के बाहर गई थी जैसे ही नल से पानी भर रही थी तो राजेश गुप्‍ता पिता मोहनलाल गुप्‍ता उम्र 32 साल निवासी बरौ उसे बुला रहा था तब मैं बोली कि क्‍यों आऊं, मैं नहीं आऊंगी। फिर वह बोला कि जरूरी काम है तब मैं उसके पास चली गई तो अजय गुप्‍ता पिता जगदीश गुप्‍ता उम्र 23 साल निवासी सेमरिया जो बिजली आफिस बरौ में काम करता है वहां पर मौजूद था और अजय गुप्‍ता ने मेरे साथ जबरदस्‍ती गलत काम किया और राजेश गुप्‍ता आने जाने वालों की निगरानी कर रहा था। इतने में मेरे बब्‍बा व मेरी दादी वहां आ गये जिन्‍हें देखकर वे भाग गये। अभियोक्‍त्री की शिकायत पर थाना रामपुर नैकिन में धारा 376(3), 120(बी) भादवि एवं पॉक्‍सो एक्‍ट की धारा 3/4 के अंतर्गत अपराध क्र. 744/21 पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया एवं विवेचना पश्‍चात् अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया, जहां न्‍यायालयीन प्र.क्र. 136/21 में जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के द्वारा सामूहि‍क बलात्‍कार के अंतर्गत धारा बढाते हुये आरोपी अजय गुप्‍ता के विरूद्ध धारा 376(3), 376(DA) भादवि एवं पॉक्‍सो एक्‍ट की धारा 3/4(2), 5(g)/6 एवं आरोपी राजेश गुप्‍ता के विरूद्ध धारा 376(DA) भादवि एवं पॉक्‍सो एक्‍ट की धारा 5(g)/6 विरचित कर विचारण करने का अनुरोध किया गया, जिस पर सहमत होते हुये माननीय न्‍यायालय द्वारा उक्‍त धाराओं में विचारण उपरांत अभियुक्‍तगण के विरूद्ध धारा 376(डी) भादवि का अपराध प्रमाणित पाये जाने पर दोषसिद्धि का निर्णय पारित करते हुये 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 रू अर्थदंड से दंडित किया गया।

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