रीवा ( ईन्यूज एमपी) रीवा EOW विशेष कोर्ट के एक बड़े फैसले के वाद विंध्य क्षेत्र के कालेज प्रवंधनों पर संकट के बादल मड़राने लगे हैं , विंध्य क्षेत्र के तीन जंहा वड़े शिक्षा विद जेल के सलाखों में हैं वंहीं सतना , रीवा , सीधी , सिंगरौली सहित अन्य जिलों के जिम्मेदार कालेज प्रवंधनों की काली करतूतें अब सार्वजनिक होंगीं और दोषी वक्शे नही जायेंगें । जानकारी के अनुसार 3 करोड़ के परिश्रमिक एवं मानदेय घोटाले के आरोपी ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय (टीआरएस) के तत्कालीन प्राचार्य रामलला शुक्ल, सत्येंद्र शर्मा एवं यूसुफ खान को मेडिकल परीक्षण उपरांत केन्द्रीय जेल भेज दिया गये हैं जबकि अभी 19 अन्य EOW के राडार पर हैं। बता दें कि ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा में कॉलेज के विभिन्न विभागों में खरीदी और निर्माण कार्य को लेकर 14 करोड रुपये कि वित्तीय अनियमितता की गई थी। वर्ष 2018 में डॉ रामलला शुक्ला कालेज में प्राचार्य पद पर पदस्थ रहे, वर्ष 2019 में डॉक्टर एसयू खान और डॉक्टर सत्येंद्र शर्मा दोनों ही प्राचार्य रहे। इसके बाद वर्ष 2020 में फिर डॉक्टर रामलला शुक्ला प्राचार्य पद पर पदस्थ हुए। इस दौरान करीब 3 वर्षों में यह घोटाला किया गया। अलग-अलग समय में पदस्थापना के दौरान यह तीनों प्राचार्य घोटाला करते रहे। जिसकी शिकायत कलेक्टर से की गई कलेक्टर ने इस पूरे मामले को ईओडब्ल्यू को सौंप दिया। इस पूरे मामले को ईओडब्ल्यू टीम बारीकी से एक_एक पर जांच किया। जांच के दौरान रामलला शुक्ला, एसयू खान और सत्येंद्र शर्मा तत्कालीन प्राचार्य दोषी पाए गए। इसके अलावा 19 लोगों की जांच की जा रही है। बता दें कि तत्कालीन प्राचार्य एसयू खान और सत्येंद्र शर्मा सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो वही रामलला शुक्ला निलंबन के वाद सागर अटैच कर दिया गया है । उल्लेखनीय है कि शिक्षा रूपी मंदिरों के पुजारियों के इस तरह के कृत्यों से इन धुरंधरों के करनी और कथनी से विश्वास उठने लगा है , अपने आपको निर्दाग वताने वाले समाज में लम्बी लम्बी बातें हांकने वाले राजनीतिक क्षेत्र में दखल देने वाले इन चेहरों के प्रति आपका अब क्या ख्याल है ...? सच्चाई उजागर होने के वाद सीधी रीवा और सतना में तरह तरह की अफवाहों के बाजार गर्म हैं और रामलला शुक्ल विधानसभा अध्यक्ष ग्रीस गौतम के रिस्तेदार हैं ।