रीवा(ईन्यूज एमपी)- रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प का नाम लेकर भोपाल के अधिकारी को झांसा देना एक युवक को महंगा पड़ गया है। यहां नकली कलेक्टर का ऑडियो रिकॉर्ड कर असली कलेक्टर को भेजने के बाद मामले का भंडाफोड़ हो गया। डीएम की शिकायत के बाद एसपी नवनीत भसीन के निर्देश पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने झांसे बाज कलेक्टर की तलाश शुरू की है। साइबर सेल की जांच में शातिर युवक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले का निकला है। जिसको रविवार को गिरफ्तार कर रीवा जिला न्यायालय में पेश किया है। दावा है कि शातिर युवक ने अपने भाई गणेश द्विवेदी की नियुक्ति कंप्यूटर ऑपरेटर में कराने के लिए पूरा प्लान रचा था। इसके विरूद्ध पूर्व में भी चोरहटा थाने और समान थाने में कई प्रकरण दर्ज हैं। एएसपी अनिल सोनकर ने बताया कि इन दिनों एमपी ई-कॉम के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटर की भर्ती हो रही है। तीन दिन पहले यूपी के प्रयागराज जिले का निवासी नीलेश कुमार द्विवेदी (28) ने ई-कॉम के वरिष्ठ सलाहकार कमलेश सेन को फोन किया। कहा कि मैं रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प बोल रहा हूं। आपको गणेश द्विवेदी की हर हाल में नियुक्ति करना है। बात करने के तरीके से वरिष्ठ सलाहकार का शंका हुई। उन्होंने कहा कि कुछ देर से बात करते है। दोबारा मोबाइल नंबर में फोन आने के बाद वरिष्ठ सलाहकार ने रिकॉर्डिंग ऑन कर ली। झांसा देने वाले शातिर बदमाश के बात करने की टोंन कलेक्टर की तरह नहीं लग रही थी। अजीब तरीके का लहजा लगने के बाद पूरा वार्तालाप रिकॉर्ड कर भोपाल के अफसर ने रीवा कलेक्टर को भेज दिया। ऑडियो सुनने के बाद रीवा कलेक्टर ने पूरे मामले की जानकारी एसपी को दी। रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प द्वारा भेजे गए ऑडियो का सुनने के बाद एसपी ने सिविल लाइन थाना प्रभारी निरीक्षक हितेन्द्रनाथ शर्मा को कार्रवाई के निर्देश दिए। तुरंत पुलिस ने शनिवार को एफआईआर कर आरोपियों की तलाश शुरू की। साइबर सेल की जांच में आरोपी नीलेश कुमार द्विवेदी की लोकेशन यूपी प्रयागराज मिलने के बाद रविवार को गिरफ्तार कर लिया है।