सिंगरौली (ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश में पहले चरण में हुए 11 नगर निगम चुनावो में सिंगरौली में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है और मामा के गढ़ में सेंधमारी करते हुए यहां आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने जीत हासिल की है। उन्होंने बीजेपी के चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को हराया। यहां से कांग्रेस ने अरविंद सिंह चंदेल को उम्मीदवार बनाया था। सिंगरौली बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन 'आप' ने तमाम दिग्गजों की कोशिशों के बावजूद मध्य प्रदेश में अपनी सियासी एंट्री के साथ ही सेंध लगा दी है। वैसे तो पार्टी ने भोपाल व जबलपुर को छोड़कर शेष 14 शहरों में महापौर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सिंगरौली में उसकी जीत की हवा रिजल्ट से पहले बहने लगी थी। सियासी तौर पर देखें तो सिंगरौली में आप की जीत कांग्रेस की तुलना में बीजेपी के लिए बड़ा नुकसान है। यहां सीएम शिवराज से लेकर बीडी शर्मा एवं स्थानीय सांसद विधायकों ने एड़ी चोटी का बल लगाया था बावजूद इसके यहां आप ने लंबे अंतराल से बाजी मार ली । इसकी वजह उम्मीदवार चयन में ब्राम्हणों की उपेक्षा भी कहीं न कहीं प्रमुख रही। जिसका सीधा फायदा रानी अग्रवाल को मिला। रानी अग्रवाल साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंगरौली से विधायक का चुनाव भी लड़ी थीं और 32167 वोट हासिल किए थे। दूसरे स्थान पर रहीं कांग्रेस उम्मीदवार रेणु शाह को 32980 वोट मिले थे। हालांकि बीजेपी के उम्मीदवार रामलल्लू वैश्य 36706 वोट पाकर जीत दर्ज की थी। रानी बैढ़न से बीजेपी से जिला पंचायत सदस्य थी। उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी का दामन थाम कर सबको चौका दिया था। तब उन्होंने आरोप लगाया था कि सिंगरौली में पार्टी चंद लोगों की गिरफ्त में है। उन्होंने कहा था कि उनकी चार पीढ़ियों ने BJP की सेवा की है, लेकिन उन्हें पार्टी से कोई बड़ी जवाबदारी नहीं मिली। आप की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का एलान किया था। उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज सिंह की योजनाएं सिर्फ कागजों में चल रही हैं और वर्तमान में आम आदमी पार्टी के ध्वज तले उनकी जीत आने वाले चुनावों में बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है यह कहीं न कहीं सबक है उन तमाम लोगों के लिए जो सत्ता के मद में चूर हैं आम जनता ने कहीं ना कहीं अपनी मंशा जाहिर कर दी है और हालात अगर यही रहे तो आने वाले समय में आम आदमी पार्टी प्रदेश में अपनी स्थिति को और भी मजबूत करेगी इसलिए समय रहते सुधर जाएं और सतर्क हो जाए भलाई इसी में है।