भोपाल(ईन्यूज एमपी)मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव जून-जुलाई में!:पंचायत चुनाव की घोषणा मार्च में करने के लिए तैयार आयोग, राजनीतिक दल बोले - चुनाव अभी नहीं हुए तो बारिश में संभव नहीं आयुक्त बीपी सिंह ने नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव के संबंध में राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा है, आयोग पंचायत चुनाव कराने के लिए तैयार है, लेकिन बहुत सी कार्यवाही शासन स्तर पर लंबित है। यह कार्यवाही आगामी 15 से 20 दिन में पूरी होने पर ही पंचायत निर्वाचन करवाने पर विचार किया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो पहले नगरीय निकायों के निर्वाचन कराए जाएंगेे। क्योंकि हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए आयोग दोनों में किसी एक चुनाव की घोषणा आयोग मार्च माह में अनिवार्य रूप से करेगा। आयुक्त ने मंगलवार को देर शाम चुनाव की तैयारियों को लेकर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसमें दलों ने कहा कि पहले त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव कराए जाएं। प्रतिनिधियों का कहना था कि पंचायत निर्वाचन अभी नहीं कराए गए, तो वर्षाकाल (20 जून से 20 अगस्त) में पंचायत निर्वाचन संभव नहीं होंगे, क्योंकि एमपी बोर्ड की परीक्षाएं 30 अप्रैल से 18 मई तक और सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं 4 मई से 12 जून तक निर्धारित हैं। इस परीक्षाओं के बाद नगरीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। बैठक में बीजेपी से एसएस उप्पल, संतोष शर्मा, ओमशंकर श्रीवास्तव, कांग्रेस से जेपी धनोपिया, विजय सिरवैया, बहुजन समाज पार्टी से सीएल गौतम, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से शैलेन्द्र शैली, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) से पीएन वर्मा, मध्यप्रदेश नेशनलिस्ट पार्टी से राजू भटनागर और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से सचिन सिंह चौहान उपस्थित थे। बैठक में कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने आयोग से मांग की है कि नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव EVM की बजाय मतपत्र से कराए जाएं, लेकिन आयुक्त ने साफ कर दिया कि चुनाव EVM से ही कराए जाएंगे। बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को ही एक पत्र निर्वाचन आयोग को भेजा था, जिसमें मतपत्र से चुनाव कराने के तर्क दिए गए थे। राजनैतिक दलों के सदस्यों द्वारा वोटर लिस्ट में खामियों और गड़बड़ी की बात एक बार फिर उठाई। इस पर आयुक्त ने बताया कि सभी शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है। कांग्रेस वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप कई बार लगा चुकी है। इसको लेकर आयोग को तीन बार ज्ञापन भी दिया जा चुका है।