भोपाल(ईन्यूज एमपी) पिता लाख कोशिशों के बाद भी बेटों की नशे की लत को नहीं छुड़ा पाया। बेटों की हरकतों से परेशान होकर आखिरकार उसने फांसी लगा ली। बेटे दूसरे कमरे में बैठे सोचते रहे कि पिता आराम कर रहे हैं। देर शाम तक कमरे से बाहर नहीं आने पर जब वे अंदर पहुंचे तो पिता फंदे पर मिले। बैरसिया पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन परिवार वालों ने बताया कि मृतक कई लोगों से बेटों की शराब को लेकर परेशान रहने की बात कह चुका था।मामले की जांच कर रहे बैरसिया थाने के SI चंपालाल चौधरी ने बताया कि 50 साल के राम चरण अहिरवार बैरसिया के वार्ड नंबर-12 में मेला ग्राउंड के पास परिवार सहित रहते थे। वे बेटों से नाराज होकर शुक्रवार दोपहर अपने कमरे में चले गए थे। दूसरे कमरों में उनके बेटे थे। उन्हें लगा कि पिता आराम कर रहे हैं। देर शाम तक राम चरण के कमरे से बाहर नहीं आने पर बेटों ने अंदर जाकर देखा, तो उन्हें फंदे पर मिले। राम चरण ने लुंगी से फांसी लगाई थी। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। SI चौधरी ने बताया कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिवार वालों ने बताया कि राम चरण के तीनों बेटे नशे के आदि हैं। इसको लेकर वह काफी परेशान रहते थे। वे लोगों से उनकी लत छुड़वाने के लिए भी कहते रहते थे। उन्होंने कई बार बेटों को नशे से दूर रहने को कहा था, लेकिन बेटों की लत नहीं छूट रही थी। नशे के कारण बेटों का पिता से विवाद भी होता था। चौधरी ने कहा कि पहली नजर में आत्महत्या का कारण यही आ रहा है। हालांकि अभी कुछ और लोगों से पूछताछ की जाएगी। पत्नी की 15 साल पहले मौत हो चुकी चौधरी ने बताया कि राम चरण यहां अपने तीनों बेटों के साथ रहते थे। उनकी पत्नी की करीब 15 साल पहले मौत हो चुकी थी। उसके बाद से वे ही बेटों की देखभाल कर रहे थे। नशे के कारण बेटे आवारा हो गए थे। वह यहां-वहां भटकते रहते थे और नशा पूरा करने के लिए पिता से झगड़ा भी करते थे। इसी कारण राम चरण मानसिक तनाव में थे।