सीधी ( ईन्यूज एमपी) सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल की अनोखी पहल से करीब एक दर्जन आदिवासी वाहुल्य ग्रामों को पायलेट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है । जिले के 12 ग्रामों को पायलेट प्रोजेक्ट भू-दृश्य बहाली अंतर्गत चयनित किया गया है। उक्त प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट-इण्डिया से संबद्ध एनजीओ आशा द्वारा किया जा रहा है। भू-दृश्य बहाली परियोजना अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने की दिशा में कार्य किया जायेगा। स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए सभी शासकीय विभागों तथा एनजीओ आशा की टीम द्वारा ग्राम वासियों से संवाद किया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को ग्राम पवया पूर्व में कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में रात्रि चौपाल का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री चौधरी द्वारा ग्राम वासियों से संवाद कर उन्हें इस प्रोजेक्ट में पूर्ण रूप से सहभागी बनने के लिए कहा गया। कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट इस क्षेत्र की समृद्धि के लिए है तथा इसका केन्द्र बिन्दु स्थानीय जन समुदाय है। पर्यावरण के मूल स्वरूप को बचाते हुए लोगों की आजीविका में वृद्धि करना तथा क्षेत्र में समृद्धि लाना इसका उद्देश्य है। कलेक्टर श्री चौधरी द्वारा सभी विभागीय अधिकारियों को प्रोजेक्ट में चयनित ग्रामों में अभियान चलाकर विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि सभी योजनाओं का कन्जर्वेन्स इस प्रकार से हो कि इस क्षेत्र को एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जा सके तथा भविष्य में इसे जिले के अन्य क्षेत्रों में भी क्रियान्वित किया जा सके। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आर.के. शुक्ला ने कहा कि पूर्व में यह देखा गया है कि जो योजनाएं ऊपर से क्रियान्वित की जाती है उनकी तुलना में जमीनी स्तर पर बनायी गयी योजनाओं का बेहतर लाभ प्राप्त होता है। इस प्रोजेक्ट की सफलता के लिए स्थानीय लोगों की सहभागिता आवश्यक है। इसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता आवश्यक है। इसमें स्थानीय लोग ही लीड लें और स्वयं अपने विकास की योजना बनाकर क्रियान्वित करें। विधायक प्रतिनिधि गुरूदत्तशरण शुक्ल ने कहा कि चयनित क्षेत्र मुख्य रूप से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है तथा इनकी आजिविका वन संपदा पर आधारित है। इस क्षेत्र में वन उत्पादों महुआ, तेंदू, चिरौंजी आदि के प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने से लोगों को लाभ प्राप्त होगा। साथ ही इस क्षेत्र में अरहर, कोदौ-कुटकी, मक्का जैसे कृषि उत्पादों के प्रोसेंसिंग यूनिट स्थापित करने से लोगों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। एनजीओ आशा के प्रतिनिधियों ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सीधी जिले के 12 ग्रामों डोल कोठार, कोचिला, कोलुहा, कोचिटा, बमुरी, भाटा, हड़बड़ों, विशुनी टोला, डांडी, मसुरिहा, पड़खुरी एवं पवया पूर्व का चयन किया गया है। ग्राम वासियों से चर्चा कर पर्यावरणीय संतुलन को बनाते हुए क्षेत्र की समृद्धि के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस परियोजना 5 ‘ज’ जल, जमीन, जंगल, जानवर एवं जन पर आधारित है। चौपाल में समाजसेवी गुरुदत्त शरण शुक्ल मालिक, सरपंच राम मनोहर सिंह गोड़, संबंधित विभागों के जिला स्तरीय एवं खण्डस्तरीय अधिकारी सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहें।