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Home सीधी दर्पण पति पत्नी का एक ही चिता पर किया गया अंतिम संस्कार , एक ही घर से निकली दो अर्थी, शोक में डूबा गांव देवरी गांव

पति पत्नी का एक ही चिता पर किया गया अंतिम संस्कार , एक ही घर से निकली दो अर्थी, शोक में डूबा गांव देवरी गांव

सीधी ( ईन्यूज एमपी) मंगलवार को सीधी जिले के रामपुर नैकिन मे बडा बस सडक हादसा हो गया, जिसमें करीब 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई, वहीं इस हादसे में कुशमी तहसील के गैवटा पंचायत के देवरी निवासी अजय पनिका (राहुल) उम्र 25जो कि अपने सीधी रूम लेकर रहा करतें थे, यह भी अपने पत्नी तपस्या पनिका उम्र 23 को एएनम का पेपर दिलवाने सतना जा रहे, जिस दौरान बस सडक हादसे में दोनों पति पत्नी की जान चली गई, और फिर घटना की जानकारी मिलते ही परिजन रोतें हुए घटना स्थल पर पहुंचे और अपने अपने शवों की तलाश शुरू कर दी, वहीं तपस्या पनिका का शव 3 बजे मिल गया था, जबकि अजय पनिका का शव 5 बजे मिल पाया, जिसके बाद पोस्टमार्टम करवाकर प्राशासन द्वारा एम्बुलेंस उपलब्ध करवाया गया और फिर दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिते में किया गया ।




रोतें रहें घर के परिजन रिश्तेदार

वही शव को पहुंचने के बाद से ही परिजन रोतें रहे, वहीं उनके रिश्तेदार भी पहुंचे हुए थे, वह भी काफी रोतें हुए दिखाई दिएँ, यह गम कचछ ऐसा था कि हर कोई के आँखो मे आसूं दिखाई दे रहा था,



अंतिम संस्कार में अजय के पिता नहीं हुए शामिल

आपको बता दें कि देवरी अजय पनिका(राहुल), बेटे अजय, पुत्रबधू तपस्या के अंतिम संस्कार मे पिता रामप्रसाद पनिका अंतिम संस्कार के समय नहीं पहुंच सकें थे, कारण पता करनें पर चला कि अजय के पिता बहार गुजरात में रहते हैं, और इस घटना की जानकारी मिलने के बाद अगर वहां चलते तो करीब वहां से आते मे तीन दिन का समय लग जाता, और इतना देर तक पोस्टमार्टम तक किया हुआ शव रोकना सही नहीं था इस कारण शव का अंतिम संस्कार किया गया, आपको बता दें कि अजय के कमाने धमाने के इरादे से गांव घर छोड परदेश मे रहते थे, जबकि वहां पर गुजरात मे उनकी कोई सरकारी नौकरी नहीं हैं,


अजय लोग दो भाई एक बहन

आपको बता दें अजय पनिका(राहुल) लोग दो भाई थे, एवं उनकी एक बहन है, अजय के बडे भाई का नाम अरूण पनिका(दीपू) है, वहीं बडी बहन का आरती पनिका है, जिसमे अब अजय का परिवार नहीं रहा मतलब अब ना वो रहा ना ही उसकी पत्नी रही,



साथ जीने मरने की कसमें हुई पूरी

आपको बता दें कि अजय की शादी तपस्या के साश शादी 8 माह पूर्व 28 जून 2020 को हुई थी, जो कि एक बात है कि शादी के समय कसमें खाई जाती हैं, और अंततः यह बात सच हुई, और दोनों ने एक साथ साँस तोड़ दी, और साथ जीने मरने की कमसे पूरी हुई,।



पत्नी को पढा कर कुछ बनना चाहता था अजय

अजय पनिका जो कि पढा लिखा था, जिस कारण अपने पत्नी को पढा लिखा कर कुछ बनाना चाहता था, और एएनएम का परीक्षा दिलाने सतना जा रहे थे, दोनों सीधी मे रूम लेकर कमला काजेल मे पढाई किया करते थे, अजय की पत्नी तपस्या पढाई बीएड की पढाई करती थी, और अजय पनिका फ्रीहाल पत्नी को पढाने के लिए सीधी रहा करता था,


लकडी पक्ष के लोग भी पहुंचे
लकडी पक्ष के लोग खड्डी 42 खुर्द के निवासी थे, लकडी पक्ष से लकडी के माता, पिता, भाई, बहन, दादाजी, चाचाजी, मामाजी, फुफा जी, के साथ साथ लडकी पक्ष घर के बगल के बालें भी, यादव परिवार के लोग भी पहुंचे हुए थे,

लडकी के पिता भी बोले बन जाती कुछ तो

लडकी के पिता ने कहां कि हमारी बच्ची का विवाह 8 माह पूर्व हुआ था,और हम अपनी बच्ची को पढा लिखा कर कुछ बनाना चाहते थे लेकिन अब वह सपना टूट गया और सारी की सारी अरमान अधूरी रह गई,

परपंरा के अनुसार दी गई मुखाग्नि

आपको बता दें कि अजय पनिका एवं उनकी पत्नी तपस्या पनिका दो कि दोनों लोग एक साथ सत्म हो गए थे, जिनका अंतिम संस्कार बुधवार को किया गया, और मुखाग्नि प्रथा के अनुसार दी गई, जिसमें पति अजय पनिका पत्नी तपस्या पनिका को एक ही चिता पर दोनों को मुखाग्नि दी गई, और गांव शोक में डूब गया है,


जनप्रतिनिधि भी पहुंचे

इस घटना के बाद देवरी निवासी के घर जनप्रतिनिधियों मे कुशमी जनपदज अध्यक्ष हीराबाई सिंह एवं ब्लाक काग्रेंस कमेटी कुशमी के ब्लॉक अध्यक्ष हंसलाल यादव भी शोक संवेदना प्रकट करनें पहुंचे हुए थे।

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