सीधी ( ईन्यूज एमपी) सीधी जिले के मझौली जनपद अंतर्गत गोतरा रेत खदान में कम्पनी प्रवंधन की एक वड़ी लापरवाही सामने आई है जिससे संचालित रेत खदान में शनिवार को एक अधेड़ की मौत हो गई है । आनन-फानन में रेत उत्खनन कार्य में लगे कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा जीवित समझकर उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुसमी ले जाया गया, जहां चिकित्सक के द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। घटना की जानकारी सुबह परिजनो को हुई जिससे वे कंपनी पर लापरवाही बरतने व साक्ष्य मिटाने के लिए शव को कुशमी ले जाने का आरोप लगाते हुए चक्काजाम शुरू कर दिए। प्रशासन की समझाइस व कंपनी से आर्थिक सहायता राशि मिलने के बाद आंदोलन समाप्त किया गया।गोतरा गांव निवासी लल्लू गोस्वामी ४२ वर्ष गोतरा रेत खदान में वाहनों में रेत लोडिंग का कार्य करता था, साथ ही वहीं चाय की भी बिक्री करता था। लोडिग़ करते समय शनिवार की रात्रि अज्ञात कारणों से उसकी मौत हो गई। कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा जीवित समझकर उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुशमी ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया गया, किंतु इसकी जानकारी कंपनी के द्वारा परिजनों को नहीं दी गई। सुबह घटना की जानकारी परिजनों को हो पाई, जिससे गुस्साए परिजनो के द्वारा ग्रामीणों के सहयोग से गोतरा चौराहा पहुंचकर चक्काजाम आंदोलन शुरू कर दिए। जिला प्रशासन को जानकारी मिलने पर समझाइस के लिए कुसमी उपखंड अधिकारी आरके सिंन्हा व सीईओ श्रीनिवास द्विवेदी को स्थल पर भेजा गया।परिजनों के द्वारा गोतरा तिराहे पर आंदोलन करते हुए शव को मगांने की मांग करते रहे, वहीं एक करोड़ रुपए की मांग कंपनी से की गई। प्रशासन की समझाइस के बाद कंपनी के द्वारा पांच लाख रुपए तत्काल दिए गए, वहीं प्रशासन के द्वारा चार लाख रुपए देने की घोषणा की गई, साथ ही अंत्योष्टि सहायता के लिए पांच हजार रुपए दिए गए, तब जाकर परिजन शव का पोस्ट मार्टम के लिए तैयार हुए।