सीधी (ई न्यूज़ एमपी )मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बेटी बचाओ अभियान को नए सिरे से चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत बच्चियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा, सुरक्षा तथा सशक्तीकरण हर पहलू पर ध्यान दिया जाएगा। मध्यप्रदेश की पोषण नीति तैयार है, जिसे शीघ्र ही अंतिम रूप दिया जाएगा। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने गंभीर कुपोषित बच्चों का एकीकृत प्रबंधन कार्यक्रम राज्य में लागू किया है। हम कुपोषण को पूरी तरह समाप्त करेंगे। हमारा ध्येय है पोषित परिवार-सुपोषित मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्री अशोक शाह और प्रमुख सचिव श्री मनोज गोविल उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए सघन प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत उनका नियमित रूप से वजन लिए जाना, पोषण आहार प्रदाय, सामान्य कुपोषित बच्चों का समुदाय स्तर पर उपचार एवं पोषण प्रबंधन, अतिरिक्त पोषण आहार प्रदाय, गंभीर कुपोषित बच्चों का पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर उपचार एवं देखभाल आदि कार्य किए जा रहे हैं। पोषण सेवाओं की मॉनीटरिंग के लिए श्पोषण डैशबोर्डश् तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि श्पोषित परिवार-सुपोषित मध्यप्रदेशश् कार्यक्रम के अंतर्गत गंभीर कुपोषण वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार होने पर परिवार को प्रोत्साहन राशि दी जाती है तथा सम्मान किया जाता है।प्रदेश की 62 हजार 500 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका बनाई जा रही हैं। सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में ग्राम आरोग्य केन्द्र का विस्तार किया जा रहा है। अभी 51 हजार 500 केन्द्रों में ये स्थापित हैं।प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। इस योजना में प्रदेश में 152 प्रतिशत उपलब्धि हुई है। प्रदेश के 7 शहरों में सेफ सिटी कार्यक्रम महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश के 7 शहरों में सेफ सिटी कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसका विस्तार आगामी एक वर्ष में पूरे राज्य में किया जाना है। इसके अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों, परिवहन आदि में महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण निर्माण किया जाएगा तथा सामुदायिक जागरूकता लाई जाएगी। लगभग 400 लाड़ली लक्ष्मी11वीं एवं 12वीं कक्षा मेंअधिकारियों ने बताया कि लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत जिन बालिकाओं को लाभ दिया गया था उनमें से लगभग 400 बालिकाएं 11वीं एवं 12वीं कक्षा में आ गई हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि इन बालिकाओं की उच्च शिक्षा एवं कॅरियर निर्माण आदि पर ध्यान दिया जाए।