सीधी ( ईन्यूज एमपी) बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ल आज एक सरकारी बैठक में अधिकारियों को फटकार लगाते हुये कहा कि आमजनता के हितों के साथ अन्याय नही होना चाहिए , शासकीय कामकाज के प्रति सम्बंधित जिम्मेदार आला अधिकारी नियमानुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करें । बतादें कि संजय टाइगर रिजर्व (संजय राष्ट्रीय उद्यान, संजय दूबरी अभ्यारण्य) की सीमा से 2 किमी तक तथा बगदरा एवं सोन घडि़याल अभ्यारण्य सीमा से 1 किमी के क्षेत्र को भारत सरकार पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा पारस्थितिक संवेदी जोन के रूप में अधिसूचित किया गया है। पारस्थितिक संवेदी जोन की आंचलिक महायोजना (जोनल मास्टर प्लान) तैयार करने हेतु म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा मेसर्स आई.पी.ई. ग्लोबल लिमिटेड को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है, जिनके द्वारा जोनल मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। उक्त जोनल मास्टर प्लान तैयार करने में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता के लिए जिला पंचायत सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सांसद रीती पाठक एवं विधायक सीधी केदारनाथ शुक्ल द्वारा उक्त जोनल मास्टर प्लान तैयार करने के पूर्व व्यापक विमर्श के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामों के लोगों पर इसका क्या प्रभाव होगा, उनकी आजीविका किस प्रकार से प्रभावित होगी, विकास की गतिविधियां किस प्रकार संचालित हो सकेंगी, आदि पर व्यापक चर्चा किया जाना आवश्यक है। अभी तक जो भी कार्यवाहियां हुई हैं उसके विषय में प्रभावित ग्रामों के लोगों को अवगत कराया जाए तथा उनके सुझावों को भी इसमें सम्मिलित किया जाए। उन्होंने कहा कि उक्त जानकारियों की बुकलेट तैयार सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ग्रामवासियों से साझा की जाए, जिससे विकास की कार्य योजनाएं सुचारू रूप से संचालित की जा सकेगी। कलेक्टर श्री चौधरी द्वारा अभी तक के प्रयासों के विषय में अवगत कराया गया तथा संबंधित संस्था को स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों को उक्त प्रावधानों के विषय में अवगत कराने के निर्देश दिए गए। बैठक में ईको सेंसिटिव जोन का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए निर्धारित एजेंसी आईपीई ग्लोवल के प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि ईको सेंसिटिव जोन बनाने का मुख्य उद्देश्य नेशनल पार्क तथा अभ्यारण्यों में जनसंख्या के दबाव को कम करना एवं आमजन को पर्यावरण अनुकूल आजीविका के साधन उपलब्ध कराना है। ईको सेंसिटिव जोन में जैविक खेती, वन क्षेत्र में वन्य जीवन के संरक्षण एवं पर्यटन संभावनाओं की कार्य योजना तैयार की गयी है। बैठक में वनमंडलाधिकारी एम. पी. सिंह, प्रभावित ग्रामों के जिला पंचायत तथा जनपद पंचायत सदस्य एवं सरपंच सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।