*सीधी(ईन्यूज एमपी)- सीधी से नागपुर इलाज के लिए जा रहे जिले की ग्राम पंचायत पनवार बघेलनटोला निवासी एलआईसी अभिकर्ता शैलेंद्र सिंह बाघेल की बीच रास्ते मे रहस्यमय मौत का 2 माह बाद भी कोई खुलासा नहीं हो सका। स्व. श्री सिंह के वृद्ध माता-पिता एवं परिजन आज तक उनके मौत की असली वजह नहीं जान सके हैं। इस मामले में मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। इस सम्बंध में मिली जानकारी के अनुसार विगत 13 फरवरी 2020 को ग्राम पनवार बघेलनटोला निवासी 48 वर्षीय युवक शैलेंद्र सिंह बाघेल इलाज के लिए सीधी से आभा ट्रेवल्स की बस क्रमांक एमपी 17 -1062 से नागपुर की यात्रा कर रहे थे। चूंकि शैलेंद्र सिंह नागपुर इलाज के लिये चिकित्सक के पास जा रहे थे, इसलिए अपने पास उन्होंने 40 हजार रुपये रखे हुए थे । आभा ट्रैवेल्स में उन्हें सीट नंबर 27 आरक्षित थी । उनके बगल में 28 नंबर की सीट में बैठा व्यक्ति सिवनी में उतर गया था। आभा ट्रैवेल्स के चालक और परिचालक के अनुसार यात्रा के दौरान बीच रास्ते शैलेंद्र सिंह की मृत्यु हो गई। जबकि श्री सिंह की मृत्यु की असली वजह की जानकारी उनके वृद्ध माता-पिता एवं बच्चियों तथा उनकी पत्नी को आज तक नहीं लग पाई। *बस के चालक-परिचालक की भूमिका संदिग्ध* : एलआईसी अभिकर्ता शैलेंद्र सिंह बाघेल की बीच रास्ते में रहस्यमय मौत मामले में आभा ट्रैवेल्स के चालक और परिचालक की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध नजर आ रही है। दरअसल यात्रा के दौरान बस में सफर कर रहे यात्रियों की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उस समय बस के चालक और परिचालक की होती है। शैलेंद्र सिंह के मामले में इन दोनों ने रास्ते में यह नहीं देखा कि यात्री की हालत क्या है । यदि रास्ते मे उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी आए तो पास कहीं चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाय। एक और बड़ा सवाल यह है कि नागपुर पहुंचने पर शैलेंद्र सिंह अपनी सीट पर मृत पाए गए थे, ऐसा चालक-परिचालक ने पुलिस को बताया था, तब चालक एवं परिचालक ने उनकी मृत्यु की सूचना स्थानीय पुलिस को 2 घंटे बाद क्यों दी। क्या दोनों ने षड़यंत्र कर उनके जेब से 40 हजार निकाल लिए, क्योंकि सूचना पर पहुंची महाराष्ट्र पुलिस को शैलेंद्र सिंह की जेब से कोई रकम नहीं मिली थी। *न्याय की उम्मीद में भटक रहें परिजन* मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र का अंतरराज्जीय मामला होने के कारण शैलेंद्र सिंह के वृद्ध पिता अमृतलाल सिंह बेटे की मृत्यु असली वजह जानने के लिए आवेदन लेकर सीधी तथा नागपुर की पुलिस का चक्कर लगाते- लगाते थक गए हैं । इसके बाद भी दोनों जिलों के सम्बंधित थानों में कहीं उक्त बस के चालक और परिचालक के खिलाफ आज तक किसी भी प्रकार की रिपोर्ट नहीं लिखी गई । यही नहीं शैलेंद्र सिंह की पीएम रिपोर्ट के बारे में भी आज तक कोई जानकारी उनके माता-पिता या परिजनों को नहीं मिली है। *परिवार का सहारा थे शैलेंद्र* : एलआईसी अभिकर्ता शैलेंद्र सिंह बाघेल परिवार के बड़े सदस्य होने के कारण पूरे परिवार का सहारा थे। उनके इस आकस्मिक निधन से परिवार को गहरा आघात लगा है। उस पर दोनों राज्यों की पुलिस की घोर लापरवाही श्री सिंह के परिवार का कष्ट और बढ़ा रही है। यदि पुलिस आभा ट्रैवेल्स के चालक और परिचालक को गिरफ्तार कर कड़ाई के साथ उनसे पूछताछ करेगी तो सारी सच्चाई सामने आ जायेगी और मौत का खुलासा भी हो सकेगा। श्री सिंह के बूढ़े माता-पिता ने पुलिस के वरिष्ठ अफसरों से मामले की गम्भीरतापूर्वक जांच कराने की मांग की है।