सीधी(ईन्यूज एमपी)-लोक सभा चुनाव आते ही राजनैतिक पार्टिया चुनावी विसात बिछाना शुरू कर दी है|भाजपा कांग्रेस दोनों ही पार्टी में जमकर गुटबाजी देखने को मिल रही है, दोनों ही दल के नेता अपने_अपने चहेतों को टिकट दिलाने की बात कर रहे है तो वहीं टिकट की इच्छा रखने वाले नेता दिल्ली और भोपाल एक किये हुए है, नेताओं का मानना है कि उनकी सीट पक्की है | लोक सभा चुनाव नजदीक आते ही सीधी एवं सिंगरौली जिले के नेता टिकट का दावा करना शुरू कर दिए है, दोनों ही जिलो में अपनी वरिष्ठता को पहुचने के लिए होर्डिंग और पोस्टर से शहर को पटा जा रहा है,इन नेताओं के मन में है कि पोस्टर होर्डिंग लगाने से आम जनता उनके चेहरे को जान और पहचान लेगी, आलम यह है कि सीधी के नेता सिंगरौली जिले में आये दिन कार्यक्रमों में शामिल हो रहे है, तो वहीं सिंगरौली के नेता किसी न किसी बहाने जनता तक पहुँचने की कोशिश में जुटे है , खास बात यह है की दोनों ही पार्टिओं में दावेदारो की लिस्ट तैयार है, कांग्रेस का मानना है की प्रदेश में उनकी सरकार है तो लोक सभा की सीट पक्की है, तो वही भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को लेकर जीत तय मान रही है | विधायक सांसद आमने सामने- यह पहली मर्तबा नही है जब भाजपा में जमकर गुटबाजी देखने को मिल रही है,पिछले विधानसभा चुनाव के बाद सीधी सांसद रीति पाठक और सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल अपने समर्थको के साथ आमने सामने है, दोनों ही नेता एक दुसरे को पटखनी देने के लिए कोई कोर कसार नही छोड़ रहे है, सूत्रों की माने तो विधानसभा चुनाव में सांसद रीति पाठक केदार को पटखनी देने के लिए पूरी तैयारी से मैदान में थी लेकिन केदार के पैतरे के सामने सांसद की नही चली,लोक सभा चुनाव के नजदीक आते ही विधायक केदारनाथ शुक्ल भी भरे मंच पर रीती पाठक के खिलाफ जंग छेड़ दी है , अब देखना होगा की भज[पा अपनी सीट के लिए कैसी रणनीति तैयार करती है| कांग्रेस में दो गुट- अब कांग्रेस की बात करे तो यहाँ दो गुट है, दोनों ही गुट के नेता अब भी अलग थलग देखने को मिल रहें है | ऐसे में संगठन एवं स्थानीय नेताओं में भी गुटबाजी साफ देखी जा रही है पिछले दिनों लोकसभा प्रभारी एवं संभागीय पर्यवेक्षक की मौजूदगी में कार्यकर्ताओ की बैठक में इन दोनों नेताओं ने कार्यकर्ताओं से स्पष्ट कहा था की गुटबाजी को ख़त्म करने की जरूरत है तो वंही कांग्रेस के एक वरिष्ट नेता ने यहाँ तक कह दिया था की जब तक दोनों नेता आपस में बैठ कर चर्चा नही कर लेते तब तक लोकसभा सीट को जीतना आसन नही होगा |