सीधी (ईन्यूज़ एमपी)-जिले के नौढिया में सूखा नाला अंतर्गत सरकारी भूमि की भू माफिया द्वारा रजिस्ट्री कराकर बेचे जाने के मामले में कलेक्टर दिलीप कुमार ने कड़ा कदम उठाया है| इस मामले में एसडीएम के पी पाण्डेय की कार्यवाही के बाद कलेक्टर ऐतिहासिक फैसला करते हुए पचास लोगों के हांथों बेची गई करोडो़ की सरकारी भूमि को फिर से शासकीय कर दिया है| इस मामले में कलेक्टर दिलीप कुमार ने विक्रेता बीरेंद्र सिंह से भूआर्जन राशि 44 लाख की वसूली का आदेश देते हुए सूखा नाला की बेंची गई आराजी की रजिस्ट्री निरस्त कर दी है| उक्त कार्यवाही में गोपद बनास एसडीएम केपी पाण्डेय का अहम् रोल रहा जिनकी वजह से भू माफियाओं के कारनामों को सामने लाया जा सका| आपको बता दें पिछले दिनों शहर के नौढिया में एक ऐसा घोटाले का मामला सामने आया जिसमें सुखा नाला के शासकीय जमीन को भू माफिया द्वारा जिले के राजस्व अधिकारियो के साथ मिलीभगत कर, करोड़ों का घोटाला करते हुए 51 लोगों के नाम रजिस्ट्री करा दी गयी| शासकीय भूमि को डिप्टी भू रजिस्टार की मिलीभगत से भू माफिया ने लोगों को नौकरी और मुआवजे का लालच दे कर बेच दिया था| जब इस बात की भनक गोपद बनास एसडीएम के पी पाण्डेय को लगी तो उन्होंने तत्काल उक्त रजिस्ट्री दस्ताबेजों को जप्त कर मामले की छानबीन में लग गए| एसडीएम द्वारा इस मामले में संज्ञान लिए जाने के बाद कलेक्टर ने यह कार्यवाही की है|