सीधी(ईन्यूज़ एमपी)-जिले में रेल आने में भले ही अभी समय लगे लेकिन रेल आने से पहले घोटालों के नए नए कारनामे रोज उजागर हो रहे हैं| एक ओर जहाँ आम जन के लिए रेल यात्रा की सुविधा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है वहीँ घोटालेबाजों के लिए भी सोने की मुर्गी साबित हो रही है| शहर के नौढिया में एक ऐसा ही घोटाले का मामला सामने आया है जिसमें सुखा नाला के शासकीय जमीन को एक तथाकथित भू माफिया द्वारा जिले के राजस्व अधिकारियो के साथ मिलीभगत कर, करोड़ों का घोटाला करते हुए 51 लोगों के नाम रजिस्ट्री करा दी गयी| जबकी २२ जून 2017 को तत्कालीन कलेक्टर अभय वर्मा ने भूमि के हस्तांतरण पर रोक लगा दी थी| बाबजूद इसके शासकीय भूमि का भूरजिस्टार और डिप्टी भू रजिस्टार की मिलीभगत से भू माफियाओं ने लोगों को नौकरी और मुआवजे का लालच दे कर बेच दिया| जब इस बात की भनक गोपद बनास के एसडीएम के पी पाण्डेय को लगी तो उन्होंने तत्काल उक्त रजिस्ट्री दस्ताबेजों को जप्त कर मामले के जाँच के आदेश पटवारी हल्का नौढिया को शौंपा है| उन्होंने उक्त मामले में भू माफियाओं को अपने न्यायालय में 22 सितम्बर तक तलब होने आदेश दिया है| शासकीय भूमि के हस्तांतरण और भू माफियाओं द्वारा इसके खरीद फरोक्त का यह पहला मामला नहीं हैं| जिले के डिप्टी रजिस्टार की मदद से भू माफियाओं द्वारा नित ऐसे कारनामों को लगातार अंजाम दिया जा रहा है| रेलवे के भू अर्जन में इस समय चुरहट और गोपद बनास काफी सुर्खियों में हैं, इस मामले में सरकार को खरबों रुपयों का चूना अधिकारीयों द्वारा लगाया जा चूका है| फ़िलहाल तो अब आगे देखना होगा की इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर क्या कार्यवाही की जाती है और इसमें संलिप्त जिले के राजस्व और भू रजिस्टार जैसे बड़े अधिकारियों पर क्या गाज गिरती है , या यूँ ही शासकीय भूमि को निजी व्यक्तियों को बेचने का खेल जारी रहेगा|