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सीधी: उमरिया में विस्थापन प्रभावित ग्रामीणों ने की आम सभा..... विस्थापन के खिलाफ उठाई अपनी आवाज़.....

पथरौला/सीधी (ईन्यूज एमपी):-- जनपद पंचायत कुसमी के ग्राम पंचायत उमरिया क्षेत्रांतर्गत ग्राम चनकर टोला व खेतबाही ग्राम जिसे कि संजय टाइगर रिजर्व के द्वारा विस्थापित किए जाने की तैयारी चल रही है। जिस के संबंध में विस्थापन की कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है।इसी संबंध में आज 12 सितंबर बुधवार को 11:00 बजे दिन से बगैचा टोला उमरिया में विस्थापन प्रभावित ग्रामीणों द्वारा आम सभा आयोजित की गई की गई।जिसकी अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता एवं मध्यप्रदेश एकता परिषद जिला सीधी की संयोजक सरोज सिंह द्वारा की गई।बैठक में स्थानीय बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। जिसमें आगामी आम सभा बैठक का स्थान व समय निर्धारित करने संबंधी ,वनाधिकार के तहत न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण व पात्र लोगों को सूचीबद्ध कर न्यायालय में प्रकरण जमा किए जाने संबंधी चर्चा ,मध्यप्रदेश शासन राजस्व भूमि में आवाद आदिवासी वनवासियों को वास स्थान अधिनियम के तहत पट्टा प्रदान करने संबंधी चर्चा, एवं क्षेत्र में लोगों की विस्थापन सूची से संबंधित चर्चा की गई ।एवं विस्थापन के संबंध में प्रमुख रुप से काफी चर्चा की गई और चर्चा के बाद ग्रामीणों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ग्राम चनकर और खेतवाही के निवासी विस्थापन के खिलाफ हैं।उन्हें किसी प्रकार से विस्थापन स्वीकार नहीं है। वह अपने जिस जमीन में आवाद हैं वहीं यथावत रहेंगे। चाहे प्रशासन से संघर्ष ही क्यों न करना पड़े।आगामी बैठक 25 सितंबर 2018 मंगलवार को 11:00 बजे से 1:00 बजे तक उमरिया में किए जाने का निर्णय लिया गया है।

वहीं विस्थापन को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा संजय टाइगर रिजर्व विस्थापन रोको संघर्ष समिति का गठन किया गया है। जिसके संयोजक विनय सिंह गोंड़ पूर्व सरपंच उमरिया हैं। एवं कार्यकारिणी में राम कलेश सिंह भुर्तिया उपाध्यक्ष ,गोकर्ण सिंह उपाध्यक्ष, वंशपति भुर्तिया कोषाध्यक्ष,शिव कुमार सिंह सचिव एवं सदस्यों में रामचरण सिंह बैगा ,गुलाब सिंह, अर्जुन सिंह ,बाबूलाल सिंह,जयराम सिंह, विशेषण सिंह ,संपत साकेत, संतोष सिंह बघेल आदि। बैठक की अध्यक्षता कर रहीं सामाजिक कार्यकर्ता सरोज सिंह द्वारा कहा गया अगर ग्रामीण इस निर्णय पर पहुंच चुके हैं कि उन्हें विस्थापन किसी प्रकार से स्वीकार नहीं है ।तो हम अपने संगठन व देश- प्रदेश के कई सामाजिक संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ग्रामीणों के लड़ाई व उन्हें न्याय दिलाने के लिए चाहे जहां तक संघर्ष करना पड़े उनके साथ आगे होकर संघर्ष करेंगे।और ग्रामीण नहीं जाना चाहते हैं तो उन्हें किसी भी प्रकार से कोई नहीं हटा सकता है।

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